रांची। राज्य सरकार बड़ी संख्या में सहायक आचार्य पदनाम से शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्य सरकार ने विभागीय स्तर पर नियुक्ति के मद्देनजर दिशा निर्देश जारी करना शुरू भी कर दिया है। इधर, सहायक आचार्य की भर्ती को लेकर विरोध के सुर भी उठने लगे हैं। सामुदायिक सहायक अध्यापक प्रशिक्षित संघ एवं झारखंड राज्य सहयोगी शिक्षक संघ ने सहायक आचार्य के पदों पर होने वाली नियुक्ति के बहिष्कार का फैसला लिया है।

इधर,  पारा शिक्षक से दो संगठन सामुदायिक सहायक अध्यापक प्रशिक्षित संघ एवं झारखंड राज्य सहयोगी शिक्षक संघ की संयुक्त बैठक बिनोद बिहारी महतो एवं विनोद तिवारी की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में हुई। इस बैठक में भी लंबित मानदेय को लेकर चर्चा की गयी। बैठक में मांग की गयी कि राज्य सरकार जल्द से जल्द मानदेय का भुगतान करे, ताकि कर्मचारियों की दुर्गापूजा और दीपावली अच्छे तरीके से मन सके।

बैठक में टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों की सीधी नियुक्ति या समायोजन की मांग करते हुए यह निर्णय लिया गया कि जबतक 62,000 पारा शिक्षकों का समायोजन नहीं हो जाता. तब तक के सहायक आचार्य के पदों पर होनेवाली नियुक्ति का बहिष्कार किया जाएगा। झारखंड में बिहार की तर्ज पर नियमावली लागू करने की भी मांग उठी। बैठक में मांगों को लेकर 19 सितंबर को रांची के धुर्वा स्थित राज्य परियोजना कार्यालय पर एक दिवसीय धरना का भी निर्णय लिया गया। बैठक में बड़ी संख्या में संघ के पदाधिकारी मौजूद थे।

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