रांची राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में प्रोन्नति का मामला फिलहाल फंसता दिख रहा है।प्रोन्नति के लिए अफसरों को अभी इंतजार करना पड़ सकता है। राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग को डीएसपी की सूची भेजी थी। मामला प्रोन्नति से था जिसको लेकर आयोग ने गंभीर सवाल खड़े किए।मालूम हो की राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में प्रोन्नति आयोग के मंजूरी के बाद ही संभव हैं।
यूपीएससी ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और गृह विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को पत्र लिखकर सूची में त्रुटियों से अवगत कराया है। साथ ही सूची को सुधार कर आवश्यक दस्तावेज के साथ फिर से भेजने को कहा है। संशोधित सूची पर आयोग विचार करेगा तब तक प्रोन्नति का मामला अटके रहने की संभावना है।
वर्ष 2017 से 2020 तक 24 पद प्रोन्नति के लिए खाली
राज्य भर में वर्ष 2017 में 9, 2018 में 4, 2019 में 5 और 2020 में 6 पद डीएसपी से आईपीएस संवर्ग के प्रोन्नति के लिए खाली हुए आईपीएस के कल कुल 24 पदों के लिए डीएसपी की सूची पर विचार होना है। राज्य सरकार ने यूपीएससी को तीन ऐसे अफसरों के नाम भेज दिए जिन की सेवा भी अभी तक संपुष्ट ही नहीं हुई है। यूपीएससी को इस बात पर आपत्ति है कि इन अधिकारियों की सेवा नियमित ही नहीं हुई तो उनका नाम किस आधार पर प्रोन्नति के लिए भेजा गया। मालूम हो की नियुक्ति के बाद कार्य प्रणाली को देखते हुए सेवा संपुष्ट किए जाने का प्रावधान है। तभी सेवा नियमित मानी जाती है। यूपीएससी ने कहा है कि सरकार राज्य पुलिस सेवा में इन अधिकारियों को नियमित सेवा नहीं होने के कारण स्पष्ट करें और दस्तावेज भी उपलब्ध कराएं।
यूपीएससी ने DSP मजरूल होदा पर दर्ज केस के सभी दस्तावेज मांगे
DSP मजरुल होदा पर तोपचांची थाने में 14 जून 2016 को आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ था। राज्य सरकार ने अपनी सूची में इसका जिक्र तो किया है लेकिन उक्त केस में क्या कार्रवाई हुई इसका जिक्र नहीं किया। संघ लोक सेवा आयोग ने राज्य सरकार से डीएसपी के विरुद्ध की गई कारवाई, दंड, आदेश से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है। मजरूल होदा को एसीआर भी अधूरी है। इसी तरह कुछ और अफसरों के एसीआर भी नहीं भेजे गए है। इन सभी तथ्यों पर आयोग ने आपत्ति दर्ज की है।