12% टैक्स स्लैब खत्म करने की तैयारी! रोजमर्रा के सैकड़ों सामान हो सकते हैं सस्ते, दवाओं पर भी राहत संभव

GST में जल्द हो सकता है ऐतिहासिक बदलाव: सरकार 12% टैक्स स्लैब हटाकर लाएगी सादगी, सस्ते होंगे जूते-चप्पल, मिठाइयाँ और दवाएं!

8 साल बाद, केंद्र सरकार GST टैक्स स्ट्रक्चर में एक बड़ा सुधार करने जा रही है। मौजूदा चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) में से 12% वाले टैक्स स्लैब को हटाकर उसमें आने वाले कई उत्पादों को 5% टैक्स श्रेणी में लाने की योजना है। इससे आम जनता को सीधे कीमतों में राहत मिल सकती है।

जूते, मिठाई, डेयरी प्रोडक्ट, कुछ कपड़े, घरेलू सामान, फर्नीचर, ड्रायफ्रूट्स और सौंदर्य प्रसाधनों जैसी वस्तुओं पर असर पड़ेगा। इसके साथ ही सरकार उन महंगी वस्तुओं पर लगने वाले 22% सेस को भी सीधे जीएसटी में शामिल करने पर विचार कर रही है।

जरूरी दवाएं भी हो सकती हैं सस्ती

इस समय कई आवश्यक दवाएं 12% GST स्लैब में आती हैं। यदि इन्हें भी 5% टैक्स में लाया जाता है, तो इलाज की लागत में सीधी कटौती होगी। जानकार मानते हैं कि जीवन रक्षक दवाएं पहले से 5% या टैक्स फ्री हैं, लेकिन अन्य दवाओं को भी इसी श्रेणी में लाना तर्कसंगत होगा।

सेस को GST में शामिल करने का प्रस्ताव

वर्तमान में कारों, सिगरेट, कोल्ड ड्रिंक्स पर 28% जीएसटी + 22% सेस लगता है। सरकार का प्लान है कि यह सेस हटाकर सीधा 50% जीएसटी लागू किया जाए, जिससे सिस्टम पारदर्शी होगा और राज्यों को अधिक राजस्व मिलेगा।

हालांकि, सरकार का दावा है कि इसका बोझ आम उपभोक्ता पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि टैक्स केवल दिखने के तरीके में बदलेगा, राशि में नहीं।

किन वस्तुओं पर पड़ेगा सबसे ज़्यादा असर?

अगर 12% स्लैब हटा और उसे 5% में समाहित किया गया, तो इन पर होगा सीधा असर:

  • मिठाई, बटर, घी, कंडेन्स्ड मिल्क

  • 1000 रुपये तक के जूते और कपड़े

  • टॉफी-कैंडी, फलों की जेली, पेस्ट, जैम

  • सूखे मेवे, ब्राजील नट्स, पिस्ता, किशमिश

  • पास्ता, नूडल्स, मेयोनीज, सलाद ड्रेसिंग

  • सजावटी सामान, मूर्तियाँ, चश्मे

  • हस्तशिल्प, हेंडीक्राफ्ट्स, फर्नीचर

  • फिटनेस इक्विपमेंट, खेल सामग्री

  • सोया बरी, नमकीन, डिब्बाबंद टमाटर-मशरूम

टैक्स स्ट्रक्चर और राज्यों का हिस्सा

GST में टैक्स दो भागों में बंटा होता है – CGST (केंद्र) और SGST (राज्य)। केंद्र 41% टैक्स आय राज्यों को देता है। सेस को अगर GST में समाहित किया जाता है तो उसका भी हिस्सा राज्यों को मिलेगा, लेकिन कुछ राज्य इस बदलाव को लेकर चिंतित हैं।

कब होगा फैसला?

GST काउंसिल की अगली बैठक जुलाई के तीसरे सप्ताह या संसद सत्र के बाद होगी। इसमें इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी:

  • 12% स्लैब हटाने का प्रस्ताव

  • सेस को GST में शामिल करने की रणनीति

  • GST अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन

  • ऑनलाइन गेमिंग, बीमा और रियल एस्टेट के लिए नियम स्पष्ट करना

आम जनता को क्या मिलेगा फायदा?

  • रोज़ाना इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं होंगी सस्ती

  • इलाज का खर्च कम हो सकता है

  • टैक्स प्रक्रिया होगी सरल और पारदर्शी

  • व्यापारियों को कम होगी कागजी कार्यवाही

  • उपभोक्ताओं को मिलेगा मूल्य का स्पष्ट विवरण

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