नए साल पर भूलकर भी न करें ये 5 काम! प्रेमानंद महाराज की चेतावनी— वरना ‘हैप्पी न्यू ईयर’ सिर्फ नाम का रह जाएगा
न्यू ईयर पार्टी, शराब और मांस पर संत प्रेमानंद महाराज का बड़ा बयान, बताया 2026 में क्या रेजोल्यूशन लेना है जरूरी

वृंदावन: नया साल 2026 आने ही वाला है और लोग जश्न की तैयारियों में जुट गए हैं। लेकिन इसी बीच वृंदावन के प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने नए साल के जश्न पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रेमानंद महाराज ने साफ शब्दों में कहा है—
अगर नया साल सच में “हैप्पी” बनाना है, तो कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
वायरल रील में क्या बोले प्रेमानंद महाराज?
केली कुंज आश्रम, वृंदावन में रहने वाले प्रेमानंद महाराज के प्रवचन सुनने देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं। नए साल से पहले सामने आई एक रील में उन्होंने बताया कि लोग न्यू ईयर पर सबसे बड़ी गलती क्या करते हैं।
उन्होंने कहा—
“नए साल पर लोग शराब पीते हैं, मांस खाते हैं, पार्टी करते हैं, व्यभिचार करते हैं। शराब पीकर इधर-उधर पड़े रहते हैं और कहते हैं— हैप्पी न्यू ईयर।
बताओ, ये कैसा हैप्पी न्यू ईयर है?”
“नशा और पाप से सिर्फ दुख मिलता है”
प्रेमानंद महाराज ने मदिरापान को सीधा पाप बताया। उन्होंने कहा—
मदिरा पीना राक्षसी स्वभाव माना गया है
पाप कर्म और गंदे आचरण से मनुष्य का जीवन नष्ट हो जाता है
ऐसे लोगों की दुर्गति तय होती है
उन्होंने सख्त शब्दों में कहा कि जो व्यक्ति पाप कर्म नहीं छोड़ता, उसे ऐसा दंड मिलता है, जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की होती।
“कर्म बिगड़ जाते हैं तो आदमी पड़े-पड़े सड़ता है, पानी पूछने वाला भी नहीं मिलता।”
नए साल पर भूलकर भी न करें ये काम
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, नए साल पर इन चीजों से दूर रहना ही सच्चा रेजोल्यूशन है—
❌ शराब और नशा
❌ मांसाहार
❌ हिंसा
❌ चोरी
❌ गलत आचरण और व्यभिचार
2026 के लिए क्या रेजोल्यूशन लें?
प्रेमानंद महाराज ने नए साल के लिए साफ और सरल नियम बताए—
✔️ नशा छोड़ने का संकल्प
✔️ शराब न पीने का नियम
✔️ मांस न खाने का निर्णय
✔️ पाप कर्म त्यागने का व्रत
✔️ हिंसा और गलत आचरण से दूरी
उन्होंने कहा—
“जो आज तक गलत करते आए, नए साल में वो नहीं करेंगे— यही सच्चा न्यू ईयर रेजोल्यूशन है।”
जश्न नहीं, संकल्प से बदलेगा जीवन
प्रेमानंद महाराज का संदेश साफ है—
🎆 नया साल सिर्फ पार्टी और शोर का नाम नहीं है, बल्कि आत्मशुद्धि और जीवन सुधारने का अवसर है।
अब सवाल यही है—
आप 2026 को सिर्फ जश्न से शुरू करेंगे या संकल्प से?













