पलामू: झारखंड के स्कूलों में प्रार्थना को लेकर नियमों और निर्देशों को ठेंगा दिखाने का सिलसिला जारी है। राज्य सरकार जब सख्ती दिखाती है, तो नियमों का पालन शुरू हो जाता है, लेकिन सख्ती कम होते ही फिर से स्कूलों में मनमानी शुरू हो जाती है। ढाई महीने पहले गढ़वा जिले में ऐसा ही मामला सामने आया था। शिक्षा विभाग ने सख्ती के बाद नियमों का पालन शुरू हुआ।

अब एक बार फिर पलामू जिले के छतरपुर प्रखंड के ठेंकहीटांड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में प्रार्थना के वक्त हाथ नहीं जोड़ने का मामला सामने आया है। छतरपुर प्रखंड के डाली पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय ठेंकहीटांड में पहली से लेकर आठवीं तक की पढ़ाई होती है। सरकार के दिशा-निर्देश के बाद बच्चों ने हाथ जोड़कर प्रार्थना शुरू की। कुछ दिनों यह सिलसिला चला। एक बार फिर कुछ स्थानीय लोगों के दबाव में बच्चे हाथ मोड़कर प्रार्थना कर रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला विश्रामपुर प्रखंड के उतक्रमित मध्य विद्यालय डेहरिया का है, जहां शुक्रवार को स्कूल खुल तो रहा है लेकिन लोग अपने बच्चे को नहीं भेजते हैं। इसी तरह उर्दू विद्यालय बाना के नाम से अब भी उर्दू शब्द नहीं हटाया गया है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय ठेंकहीटांड की शिकायत आने के बाद अब पलामू के डीईओ सह डीएसई अनिल कुमार चौधरी ने जांच की बात कही है। नियम के मुताबिक हाथ मोड़कर नहीं हाथ जोड़ कर सभी को प्रार्थना करना जरूरी है। सोमवार को स्कूल बंद है। मंगलवार को स्कूल खुलने पर इसकी जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

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