देवघर: महाशिवरात्रि पर बाबा नगरी में शिव बारात के पहले देवघर एसडीओ के आदेश ने इलाके में माहौल को गर्म कर दिया है। देवघर एसडीओ दीपांकर चौधरी ने आदेश जारी कर महाशिवरात्रि के दिन पूरे देवघर अनुमंडल क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दिया है। साथ में शिव बारात निकालने के लिए भी दिशा निर्देश जारी किया हैं। एसडीओ के इस आदेश के बाद शहर में खलबली मची है। निर्देश में इस बात का उल्लेख स्पष्ट रूप से किया गया है। शिव बारात जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित रूट से निकाली जाएगी। अन्य रूट से बारात निकाले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। प्रशासन के इस आदेश ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है।

इधर सांसद निशिकांत दुबे ने जिला प्रशासन के इस आदेश पर निशाना साधा है। निशिकांत दुबे ने कहा है कि इस तरह के आदेश जारी कर झारखंड सरकार देवघर में हजारों सालों से चली आ रही शिव बारात परंपरा को रोकना चाह रही है। निशिकांत ने आस्था के लिए कोर्ट जाने की बात भी कही है। धारा 144 का फैसला बिना शिवरात्रि महोत्सव समिति के सहमति के जिला प्रशासन ने रूट कैसे तय किया? यह सवाल भी निशिकांत दुबे ने उठाया है। निशिकांत दुबे ने अपने ट्वीट में कहा है कि अगर प्रशासन ने नहीं समझा तो भगवान शिव के लिए आमरण अनशन भी वो कर सकते हैं।

माना जा रहा है कि निशिकांत दुबे इस मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं। शिवरात्रि पर देवघर में शिव बारात का अनूठा महत्व है, जिसे देखने के लिए प्रदेश ही नहीं, देश के अलग-अलग हिस्सों से भक्त पहुंचते हैं। ऐसी स्थिति में धारा 144 निषेधाज्ञा लागू करना, राजनीतिक सरगर्मियां को तेज कर रहा है। महाशिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष अभिषेक आनंद ने सवाल उठाया है कि अगर इस तरह के निर्देश लागू किए गए तो फिर लोग बारात देखने कैसे पहुंच पाएंगे? समिति की तरफ से कहा गया है कि बारात में हाथी भी शामिल होते हैं जो एक पुरानी परंपरा है। प्रशासन इसमें अड़ंगा डालने का काम कर रहा है।

हालांकि, जिला प्रशासन की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि शिव बारात में किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। बारात के लिए जो रूट प्रशासन ने तय किया है उसी रूट से बारात निकलेगी। अनुमंडल दंडाधिकारी ने सिर्फ विधि व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर दिशा निर्देश जारी किया है।

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