रांची: झारखंड में राजनीति अगर-मगर में फंसी हुई है। थोड़ी सी हलचल हुई नहीं कि बैठकों का सिलसिला और विधायकों की लामबंदी शुरू हो आज के मुख्य कार्यक्रम से राज्यपाल रमेश बैस की दूरी और 17 नवंबर को ED के दरबार में हेमंत सोरेन की पेशी ने छत्तीसगढ़ की राजनीति को फिर से भंवर में उलझा दिया है। लिहाजा बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है। आज देर शाम एक बैठक हुई और कल भी एक बड़ी बैठक बुलायी गयी है। झारखंड के मौजूदा राजनीतिक हालातों पर बैठक में चर्चा हुई, हालांकि बैठक में हुई चर्चा को लेकर किसी भी विधायक ने अपने मुंह अभी नहीं खोले हैं।

आज के मुख्य कार्यक्रम में राज्यपाल के नहीं पहुंचने के बाद से ही राजनीति गरम है। लिहाजा जैसे ही कार्यक्र्म खत्म हुआ मुख्यमंत्री निवास में झामुमो के विधायक जुटे। कहा जा रहा है कि झारखंड के राजनीतिक स्थिति और एकजुटता कोलेकर ही आज की बैठक में चर्चा हुई है। अब से कुछ देर पहले बैठक खत्म हुई है। मुख्यमंत्री आवास में झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल की बैठक हुई।

17 नवंबर को ईडी के समक्ष मुख्यमंत्री के उपस्थित होने और मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई। बुधवार को सीएम आवास पर यूपीए की बैठक होगी। बुधवार शाम 4 बजे कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के आवास पर विधायक दल की बैठक होगी।

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