CID की रडार पर आसनसोल का रेलवे इंजीनियर…JSSC-CGL केस में जांच में जुटी पुलिस
Asansol railway engineer on CID's radar... Police busy investigating JSSC-CGL case

जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक मामले में लगातार नई जानकारी निकल कर सामने आ रही है. सीआईडी मामले की जांच कर रही है. सीआईडी के सामने भी रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं.अभ्यर्थियों को रिजल्ट का इंतेजार है. इसी बीच अब इस मामले में सीआईडी रेलवे इंजिनीयर और आसनसोल के कुछ युवकों की खोज कर रही है जिसके तारइस पेपर लीक मामले से जुड़े हैं
रेलवे इंजीनियर से जुड़ रहे तार
बता दें प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने का झांसा देने वाले गिरोह में गिरफ्तार आरोपियों के तार शीर्ष स्तर पर रेलवे के एक सीनियर इंजीनियर व कोलकाता में रहने वाले एक युवक से जुड़े हैं.आईआरबी जवानों के द्वारा जिस गिरोह के कहने पर युवकों को अपने साथ जोड़ा गया था, उन सभी को रेलवे इंजीनियर और कोलकाता के युवक हैंडल कर रहे थे.
दो नए नाम आए सामने
अबतक सीआईडी इस मामले में गोरखपुर के संदीप त्रिपाठी उर्फ शशिभूषण व बनारस के मनोज कुमार को मास्टरमाइंड मान रही थी. लेकिन 22 मई को सीआईडी ने दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी, तब दो नए नाम विनय शाह और अनीश का नाम सामने आया था. सीआईडी ने दोनों के विषय में छानबीन की तो पता चला कि विनय शाह गोरखपुर में रेलवे में सीनियर इंजीनियर है, जबकि अनीश कभी कोलकाता तो कभी आसनसोल के नियामतपुर में अपना ठिकाना बनाता है.
विनय शाह की तलाश कर रही है सीआईडी
इसी सिलसिले में सीआईडी की टीम गोरखपुर में विनय शाह के यहां गई तो जानकारी मिली कि वह एक महीने की छुट्टी लेकर गायब है. टीम ने गोरखपुर के उसके कार्यालय के साथ-साथ पत्नी को नोटिस रिसिव कराया और सीआईडी के समक्ष उपस्थित होने को कहा. वहीं, अनीश की खोज में कोलकाता के उसके फ्लैट तक भी सीआईडी की टीम पहुंची, जहां से बीते दस दिनों से अनीश गायब है.
सीआईडी ने अनीश की साली व अपार्टमेंट के सेक्रेटरी को नोटिस दिया है. अनीश के आसनसोल में होने की सूचना भी मिली थी. टीम ने उसके संभावित ठिकानों पर तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला. सीआईडी के अधिकारियों के मुताबिक, दोनों की तलाश की जा रही है. दोनों के फरार रहने की स्थिति में सीआईडी जल्द ही इनके खिलाफ वारंट लेगी.
दो चार्जसीट की दायर
सीआईडी ने अबतक की जांच के बाद दो चार्जशीट दायर कर 13 लोगों को आरोपित किया है. दूसरे चार्जशीट में सीआईडी ने प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के एवज में पैसे वसूली के मास्टरमाइंड संदीप त्रिपाठी उर्फ शशिभूषण, मनोज कुमार, आईआरबी के निलंबित जवान कुंदन कुमार, कुंदन कुमार के साथ मिलकर एजेंट का काम करने वाले रामनिवास राय, रामनिवास के भाई निवास राय, रामनिवास के भतीजे कविराज उर्फ मोटू, रॉबिन कुमार, अखिलेश कुमार, विवेक रंजन, कौशलेंद्र उर्फ राहुल कुमार, कृष्णा स्नेही के नाम शामिल हैं.
पहली चार्जशीट तीन मई को अभिलाष कुमार और कुमार गौरव नाम के आईआरबी जवानों के खिलाफ हुआ था.
दायर चार्जशीट में सीआईडी ने बताया है कि प्रश्नपत्र के बदले पैसे की उगाही के लिए आईआरबी जवान कुंदन कुमार उर्फ मंटू ने अपने सहयोगी आईआरबी जवानों का इस्तेमाल एजेंट के तौर पर किया था. अभ्यर्थियों से 20 लाख वसूलने के लिए जवान एजेंट की भूमिका में थे. कुंदन से मास्टरमाइंड संदीप त्रिपाठी ने असम रायफल्स के जवान रामनिवास राय और उसके भाई निवास राय के जरिए संपर्क किया था. पैसों के लेनदेन के लिए कुंदन की पत्नी कंचन के बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ था. इन खातों से 2 लाख 90 हजार रामनिवास के भतीजे कविराज उर्फ मोटू को भेजे गए थे.
सीआईडी इस मामले में जल्द ही झारखंड हाईकोर्ट में भी स्टेटस रिपोर्ट दायर करेगी. सीआईडी का दावा है कि अबतक जांच में पेपरलीक का कोई साक्ष्य नहीं मिला है.