झारखंड में मैया सम्मान योजना का फर्जीवाड़ा…पश्चिम बंगाल के दो लोगों पर FIR…जांच में जुटी पुलिस

Fraud in Maiya Samman Yojana in Jharkhand...FIR against two people from West Bengal...Police busy investigating

बोकारो: झारखंड की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह है एक बड़ा फर्जीवाड़ा, जिसमें पश्चिम बंगाल के दो लोगों – यूसुफ और सुफीना खातून – के खिलाफ गोमिया थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोप है कि इन्होंने योजना के तहत झारखंड में 95 से अधिक फर्जी आवेदनों के जरिए सरकारी राशि का गबन किया।

यह एफआईआर  गोमिया प्रखंड के सामाजिक सुरक्षा कोषांग के प्रभारी सहायक सुभाष चंद्र महतो द्वारा दर्ज कराई गई। कार्रवाई तत्कालीन उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर की गई थी। जनवरी 2025 में आवेदनों के सत्यापन के दौरान फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था।

फर्जी दस्तावेजों का सहारा
एफआईआर के मुताबिक, आरोपी यूसुफ (पत्ता – पत्तागोड़ा बड़का खाती, उत्तर दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल) ने अलग-अलग पंचायतों – हाजरी, चुट्टे बारी, डाड़ी, ललपनिया – में फर्जी नामों से 95 आवेदनों में अपनी बैंक डिटेल्स देकर लाभ प्राप्त किया। वहीं सुफीना खातून (पत्ता – मोतीबिटा कांटी, झरगांव, उत्तर दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल) ने भी सात फर्जी आवेदनों के माध्यम से योजना का फायदा उठाया।

शिकायत में यह भी दर्ज है कि इन आवेदनों के साथ लगे राशन कार्ड भी फर्जी पाए गए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी योजना का लाभ लिया गया।

बड़े स्तर पर हुई छंटनी
सरकार ने आवेदनों के सत्यापन के क्रम में 2 लाख से अधिक त्रुटिपूर्ण आवेदनों को रद्द कर दिया है। इनमें अपात्र महिलाएं और वे महिलाएं शामिल थीं जो पहले से किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ ले रही थीं। इस छंटनी में पूर्वी सिंहभूम के एक मामले में ऐसे मुस्लिम लाभुकों के नाम सामने आए जो उस पंचायत से संबंधित ही नहीं थे – जबकि वहां कोई मुस्लिम परिवार निवास नहीं करता। इस पर बीजेपी विधायक पूर्णिमा दास साहू ने सवाल उठाए थे, जिसके बाद उपायुक्त अनन्य मित्तल ने जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए।

कब आएगी किस्त की राशि?
जहां एक ओर फर्जीवाड़े पर कार्रवाई जारी है, वहीं दूसरी ओर योजना की लाभुक महिलाओं को अप्रैल और मई महीने की किस्त का बेसब्री से इंतजार है। विभाग के अनुसार, आधार सीडिंग और बैंक खातों के सत्यापन का कार्य पूरा हो चुका है और क्रॉस चेकिंग के बाद ‘ग्रीन सिग्नल’ मिलने पर जिलों को राशि ट्रांसफर करने का आदेश दिया जाएगा।

पहले की योजना के अनुसार लाभुकों को ₹5000 की दो किस्तें एक साथ मिलनी थी, लेकिन अब एक बार में केवल एक महीने की राशि ही दी जाएगी। अप्रैल महीने की राशि पहले ट्रांसफर होगी और मई की किस्त जून में दी जाएगी।

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