पीएम मोदी के विदेश नीति का एक बार फिर बजा डंका: अफ्रीकन देश में पकड़ा गया भारत में मोस्ट वॉन्टेड आतंकी सलमान खान, रवांडा ने दोस्ती दिखाते हुए भारत को सौंपा
नई दिल्ली। CBI यानी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के अभियान में पकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक खूंखार आतंकी सलमान खान को अफ्रीकन देश रवांडा से भारत प्रत्यर्पित किया गया।
आतंकी सगंठन के इस सदस्य के खिलाफ इंटरपोल का रेड नोटिस भी जारी हो चुका है। अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के कथित सदस्य सलमान रहमान खान ने बेंगलुरु में आतंकवादी गतिविधियों के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री उपलब्ध कराने में सहायता की थी। और यह भारत के मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है।
उन्होंने बताया कि एनआईए ने 2023 में बेंगलुरु में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की आपराधिक साजिश से संबंधित मामला दर्ज किया था। इस संबंध में एक प्राथमिकी बेंगलुरु के हेबल पुलिस थाने में भी दर्ज की गई थी।
एनआईए की जांच के अनुसार, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत एक मामले में जेल में बंद (2018-2022) रहे खान ने अन्य आतंकवादियों के लिए विस्फोटक सामग्री के भंडारण और उन्हें अलग-अलग जगहों पर पहुंचाने में मदद की थी। इसके अनुसार आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे टी नसीर ने जेल में रहने के दौरान खान को कट्टरपंथी विचारधारा अपनाने के लिए उकसाया और संगठन में उसकी भर्ती की।
एनआईए ने कहा कि नसीर ने कथित तौर पर देश में लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियां फैलाने के लिए कट्टरपंथी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया था। इसके अलावा, जेल से अदालत ले जाते समय उसके भागने की साजिश रची थी। इसने बताया कि जब आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ तो खान एजेंसियों को चकमा देकर देश से भाग गया था।
एनआईए ने बताया कि उसके खिलाफ कड़े आतंकवाद विरोधी कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया और अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। सीबीआई ने एक बयान में कहा, ‘दो अगस्त 2024 को इंटरपोल से उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी हुआ। वांछित अपराधी का पता लगाने के लिए इसे वैश्विक स्तर पर सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा गया।’
भारत को मिली थी खान के रवांडा में होने की जानकारी
बता दें कि, खान चुपचाप रवांडा में एक दुकान चला रहा था। जिसकी जानकारी भारतीय खुफ़िआ एजेंसी को लग गई। जिसके बाद उन्होंने रवांडा पुलिस को खान के कारनामे बताये और उसे गिरफ्तार करने का निवेदन किया। भारत ने उसके खिलाफ रेड कार्नर भी जारी किया था।
रेड नोटिस के आधार पर खान को रवांडा के किगाली में वह के पुलिस अधिकारियों ने नौ सितंबर को गिरफ्तार कर लिया। यह सूचना सीबीआई और एनआईए को दी गई। सीबीआई भारत में इंटरपोल मामलों में समन्वय के लिए नोडल एजेंसी है। वहां की स्थानीय मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार भारत ने 29 अक्टूबर को रवांडा के समक्ष प्रत्यर्पण अनुरोध किया जिसके बाद 12 नवंबर को प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर किए गए।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बयान में कहा, ‘जांच एजेंसी के वैश्विक परिचालन केंद्र ने आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए एनआईए की ओर से वांछित सलमान रहमान खान को रवांडा से भारत लाने के लिए एनआईए और इंटरपोल नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (किगाली) के साथ मिलकर काम किया।’
पीएम मोदी की डिप्लोमेसी की फिर हुई तारीफ़
बता दें कि, रवांडा एक बेहद छोटा सा अफ्रीकन देश है जहां पीएम मोदी के अलावा कोई भी भारतीय प्रधानमंत्री कभी नहीं गया था। लेकिन 2014 में पीएम पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी जब ताबड़तोड़ विदेश दौरे कर रहे थे तब उन्होंने यहाँ भी जाने का फैसला किया। प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम ने रवांडा और भारत के बीच दोस्ती की नई इबारत लिख दी।
गौरतलब है कि, भारत और रवांडा के बीच कोई भी एक्स्ट्रा डिशन ट्रीटी नहीं है फिर भी उसने भारत के निवेदन पर अपनी दोस्ती निभाते हुए इस खूंखार आतंकी को सौंपने का फैसला किया। सलमान खान के इस प्रत्यर्पण से लश्कर-ए-तैयबा द्वारा भारत के खिलाफ रची जा रही साजिशों का खुलासा होगा।