रांची। नियोजन नीति के रद्द होने के बाद अब हेमंत सरकार वैकल्पिक रास्ता निकालने की तैयारी में हैं। खबर है कि जल्द ही राज्य सरकार नियोजन नीति को लेकर बड़ा निर्णय ले सकती है। बुधवार को चीफ सिकरेट्री सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई। बैठक नियोजन नीति में अहम बदलाव का फैसला लिया गया है।

खबर है कि JSSC की नियुक्तियों में झारखंड से मैट्रिक-इंटर की परीक्षा पास करने की अनिवार्यता राज्य सरकार ने हटा ली है। साथ ही क्षेत्रीय भाषा को लेकर भी बड़ा बदलाव किया गया है। पूर्व में जो नियोजन नीति लागू की गयी थी, उसके मुताबिक आवेदकों का क्षेत्रीय भाषा की जानकारी अनिवार्य था। अब इस अनिवार्य योग्यता को भी हटा दिया गया है।

आपको बता दें कि राज्य सरकार ने पूर्व ने इन दो शर्तों के साथ कुछ अन्य प्रावधान के साथ नियोजन नीति छत्तीसगढ़ में लागू की थी, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी। हाईकोर्ट में प्रार्थी रमेश हांसदा, अभिषेक कुमार दुबे, विकास कुमार चौबे, रश्मि कुमारी व अन्य की ओर से अलग-अलग याचिका दायर कर जेएसएससी नियमावली को चुनौती दी थी। जिसमें प्रार्थियों ने नियमावली को असंवैधानिक बताते हुए निरस्त करने की मांग की थी।

हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद नियोजन नीति को रद्द करने का फैसला सुनाया था। मुख्य न्यायधीश डॉ रविरंजन एवं सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने नियोजन नीति को गलत बताया था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद जितनी भी नियुक्तियां हुई हैं, वो रद्द हो गयी।

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