“मेडे …नो पॉवर …नो थ्रस्ट …गोइंग डाउन….” विमान हादसे से पहले पायलट ने भेजा था 5 सेकंड का मैसेज, जानिये हादसे से ATC को क्या भेजा गया था मैसेज…
"Mayday...no power...no thrust...going down...." The pilot had sent a 5 second message before the plane crash, know what message was sent to ATC before the accident...

Last Message Of Pilot Sumit Sabharwal: “मेडे … मेडे … मेडे …नो पॉवर …नो थ्रस्ट …गोइंग डाउन.”…पायलट सुमित सभरवाल बस इतना ही बोल पाये थे, कि तेज रफ्तार के साथ एयर इंडिया की फ्लाइट मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग से टकरा गयी। और फिर जो कुछ हुआ, वो इतिहास के काले अध्याय में दर्ज हो गया। एक साथ 265 लोगों की जान चली गयी, जिसमें 242 पैसेंजर और क्रू मेंबर शामिल थे।
अब एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या एआई-171 हादसे की जांच शुरू हो गयी। जांच के दौरान कॉकपिट का एक ऑडियो मैसेज सामने आया है। इसके अनुसार उड़ान भरते ही सीनियर पायलट सुमित सभरवाल को आभास हो गया था कि विमान में कुछ न कुछ खराबी है, जिससे जान का खतरा है।
खतरे का अहसास होते ही उन्होंने अहमदाबाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल, एटीसी, को तुरंत डिस्ट्रेस कॉल किया। उनका मैसेज पांच सेंकेंड का था। कैप्टन सुमित सभरवाल ने कहा, “मेडे … मेडे … मेडे …नो पॉवर …नो थ्रस्ट …गोइंग डाउन.” बस यही थे उनके आखिरी शब्द, जिसके बाद जोरदार आवाज के साथ सबकुछ तबाह हो गया।
हालांकि, सरकार ने इस मैसेज को ऑफिशियली रिलीज नहीं किया है। गोइंड डाउन का मतलब यह था- कि विमान को थ्रस्ट नहीं मिल रहा है, यानि विमान ऊपर जाने के बजाए नीचे जा रहा है। उसे पॉवर नहीं मिला, ताकि विमान उड़ान भर सके।
कौन थे कैप्टन सुमित सभरवाल और क्लाइव कुंदर
आपको बता दें कि इस हादसे में कैप्टन सुमित सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर की जान चली गई। कैप्टन सभरवाल ने उड़ान भरने से एक घंटे पहले अपने परिवार को फोन किया था। उन्होंने कहा था कि लंदन पहुंचने के बाद वह फिर से फोन करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले उनकी आखिरी बात एयर ट्रैफिक कंट्रोल से हुई थी।
वरिष्ठ पायलट सभरवाल को 8,200 घंटे का उड़ान का अनुभव था। उनके एक सहयोगी ने बताया कि उनका अनुभव इससे कहीं ज्यादा था। उन्होंने Airbus A310, Boeing 777 और B787 जैसे विमान उड़ाए। वह हमेशा काम में लगे रहते थे। वहीं को-पायलट क्लाइव कुंदर को 1,100 घंटे का उड़ान का अनुभव था। एक कमर्शियल विमान को उड़ाने के लिए कम से कम 1,500 घंटे का अनुभव होना जरूरी है। कुंदर लगभग 10 घंटे की इस उड़ान में पहले फ्लाइंग ऑफिसर थे और सभरवाल की मदद कर रहे थे।