PhonePe और UPI यूज़र्स सावधान! इन मोबाइल नंबरों से नहीं हो सकेंगे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन – जानिए वजह

नई दिल्ली: डिजिटल पेमेंट ने हमारी जिंदगी को भले ही आसान बना दिया हो, लेकिन इसके साथ ही साइबर फ्रॉड का खतरा भी बढ़ गया है। अब सरकार और डिजिटल पेमेंट कंपनियों ने ऐसे मामलों पर लगाम कसने के लिए कड़ा कदम उठाया है।
फोनपे (PhonePe) जैसे बड़े डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म ने संदिग्ध मोबाइल नंबरों से UPI ट्रांजैक्शन रोकना शुरू कर दिया है। इसका मकसद उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाना है।
क्या है FRI टूल और कैसे करता है काम?
दूरसंचार विभाग (DOT) ने हाल ही में FRI (Financial Fraud Risk Indicator) नाम का एक नया टूल लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य साइबर धोखाधड़ी की पहचान करना और समय रहते अलर्ट देना है।
FRI टूल मोबाइल नंबरों को तीन कैटेगरी में बांटता है:
Very High Risk, High Risk, और Medium Riskयह टूल DOT, बैंक, साइबर सेल (I4C) और अन्य संस्थाओं से डेटा लेकर नंबर का रिस्क स्कोर तय करता है
Very High Risk नंबरों से डायरेक्ट लेनदेन पर रोक, और Medium Risk नंबरों के लिए यूज़र्स को अलर्ट दिया जाता है
PhonePe की बड़ी पहल
PhonePe पहला ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म बन गया है जिसने इस टूल को लागू करते हुए संदिग्ध नंबरों पर ट्रांजैक्शन ब्लॉक करना शुरू कर दिया है।
Very High Risk कैटेगरी वाले नंबरों से UPI पेमेंट सीधे रोक दिए गए हैं
Medium Risk नंबरों पर स्क्रीन अलर्ट के ज़रिए यूज़र को सावधान किया जा रहा है
PhonePe का “Protect” फीचर अब एक्टिव होकर यूज़र्स को संभावित खतरे की जानकारी देता है
किन नंबरों पर लगेगी रोक?
DOT के ‘चक्षु पोर्टल’, I4C, और बैंकों से प्राप्त डेटा के आधार पर नंबर की श्रेणी तय होगी
स्पैम कॉल्स या फेक SMS जैसे व्यवहार दिखाने वाले नंबरों पर भी नजर
ऐसे नंबरों से लेनदेन की कोशिश करने पर UPI ऐप्स अलर्ट दिखाएंगे या ट्रांजैक्शन रोक देंगे
यूज़र्स क्या करें?
अनजान या संदिग्ध नंबरों से लेनदेन करने से बचें
UPI ट्रांजैक्शन करते समय ऑनस्क्रीन अलर्ट को ध्यान से पढ़ें
किसी भी फ्रॉड की आशंका होने पर फौरन साइबर सेल या बैंक को सूचित करें
डिजिटल पेमेंट जितना आसान है, उतनी ही सावधानी भी जरूरी है। PhonePe और अन्य UPI प्लेटफॉर्म द्वारा लिए गए ये कदम यूज़र्स की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव हैं।