सस्ता हो सकता है पेट्रोल डीजल, केंद्रीय मंत्री ने दिये ये संकेत, जानिये कितनी हो सकती है प्रति लीटर कीमत में कटौती
Petrol and diesel may become cheaper, Union Minister gave this indication, know how much the price may be reduced per liter

Petrol-Diesel Price : पेट्रोल डीजल की चढ़ती कीमत से परेशान लोगों को राहत मिल सकती है। अनुमान के मुताबिक अगर हालात बने रहे तो जल्द ही पेट्रोल डीजल की कीमत में कटौती हो सकती है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि अगर मौजूदा वैश्विक हालात ऐसे ही बने रहे और कच्चे तेल की कीमतें मौजूदा 65 डॉलर के आसपास बनी रहीं तो तीन-चार महीनों में देश में पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमतों में कमी आ सकती है।
मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि भारत ने कच्चे तेल के आयात का नेटवर्क पहले के मुकाबले बड़ा कर लिया है. भारत अब 27 की जगह 40 देशों से तेल मंगाता है. तेल मार्केट में 16% की ग्रोथ भारत से आई है और कुछ रिपोर्ट्स कहती हैं कि ये 25% तक जा सकती है। वहीं रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर अमेरिका द्वारा सेकेंडरी सैंक्शन लगाने की धमकी पर पुरी ने कहा, रूस दुनिया के कुल तेल उत्पादन का 10% हिस्सा देता है।
उन्होंने कहा कि हमारे आंकड़े बताते हैं कि अगर रूस बाहर होता तो तेल की कीमत 130 डॉलर प्रति बैरल तक चली जाती। तुर्की, चीन, ब्राज़ील और यहां तक कि यूरोपियन यूनियन ने भी रूस से तेल और गैस खरीदी है।
पिछले हफ्ते मंत्री ने कहा था कि रूस से लगातार कच्चा तेल खरीदने से ग्लोबल एनर्जी कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिली है, नहीं तो रूस से तेल आयात बंद होने पर कच्चे तेल की कीमत 120-130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाती। देश में हाइड्रोकार्बन क्षेत्र पर आयोजित सबसे बड़े सेमिनार ‘ऊर्जा वार्ता-2025’ को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा कि सरकारी क्षेत्र की सभी तेल कंपनियों के पास 21 दिनों का भंडार है।
वैश्विक स्तर पर भारी अनिश्चितता के बावजूद भारत में कमोवेश पिछले साढ़े तीन वर्षों में पेट्रोल, डीजल की खुदरा कीमतें स्थिर रही हैं। पेट्रोलियम मंत्री ने अमेरिका की तरफ से भारत पर रूस से तेल खरीदने के बढ़ते दबाव को दरकिनार किया है। उन्होंने कहा कि हम अपनी जरूरत के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में जहां एनर्जी उपलब्ध होती है, वहां से खरीद रहे हैं और आगे भी ऐसा किया जाएगा। जहां तक किसी एक देश से तेल खरीदने की बात है तो अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कच्चे तेल के पर्याप्त विक्रेता है और भारत के पास पर्याप्त तेल भंडार भी है।