ध्यान दें! गोबिंदपुर पोस्ट ऑफिस जा रहे हैं, तो जेनरेटर या इनवर्टर लेकर जायें, बिजली यहां रहती नहीं, बिना बिजली काम यहां होता नहीं..

धनबाद । जिले के गोविंदपुर प्रखंड के डाकघर यदि आप जाने की सोच रहे हैं तो जरा संभल कर ! क्योंकि यहां पर आपको बिजली जाने के बाद कोई सुविधा नहीं मिल सकेगी। पोस्ट ऑफिस में बिजली जाने के बाद कुछ भी कार्य नहीं हो सकता।बिजली गुल होने पर उसका कोई अल्टरनेटिव भी नहीं है। लिहाजा आपको खाली हाथ वापस लौटना पड़ सकता है। इस सावन के महीने में भाई बहन का पवित्र त्योहार पर राखी या महत्वपूर्ण कोई डाक भेजनी हो तो आपकी मंसूबे पर पानी फिर सकता है।

क्या है मामला

गोविंदपुर प्रखंड के जीटी रोड पर पोस्ट ऑफिस स्थित है व्यापारिक क्षेत्र होने के कारण यहां पर काफी संख्या में पैसे का लेनदेन एवं पत्र का आदान-प्रदान होता रहता है। इस इंटरनेट की दुनिया में सारे काम कंप्यूटराइज्ड हो गए हैं और कंप्यूटर बिजली के बिना चलती नहीं। और बिजली 24 घंटे रहती नहीं । मसलन बिजली गुल होने के बाद कोई भी कार्य नहीं हो पाता। दूर दराज से आए ग्रामीण खाली हाथ कर्मचारी और सरकार को कोसते हुए वापस लौटने को विवश हो रहे हैं।

क्या कहते है अधिकारी

HPBL की टीम ने उपभोक्ता को हो रही परेशानी पर जब डाकघर के कर्मचारियों/ अधिकारियों से बात की तो उनका कहना है कि हमारे पास किसी भी प्रकार का वैकल्पिक व्यवस्था खरीदने का अधिकार नहीं है। हम लोगों ने अपने उच्च अधिकारियों को इस बारे में सूचना दे रखी है। बिजली गुल होने के बाद सारे काम ठप्प हो जाते है। ये समस्या करीब महीने भर से उपभोक्ता को हो रही है। खाली हाथ वापस लौट कर जाने वाले उपभोक्ता के कोपभाजन का शिकार कर्मचारी/ अधिकारी को होना पड़ता है।

करीब 20 लाख रुपए तक का हर दिन होता है लेनदेन, इन सेवा पर पड़ा असर

प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 15 से 20 लाख रुपए तक का लेन देन का कारोबार इस डाकघर के माध्यम से होता है जिसमें खाते धारक और व्यापारिक रूप से अन्य सुविधाएं के एवज में मिलती है। बिजली गुल होने के बाद इनके व्यापारीक लेन-देन पर काफी असर पड़ा है। किसान विकास पत्र, खाते धारक के जमा निकासी, फिक्स डिपोजिट, सुकन्या समृद्धि, रेकरिंग, रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट, पार्सल, सहित अन्य सभी सुविधाएं बाधित हो रही है।

आखिर केंद्र सरकार के नियंत्रण वाली दूर संचार विभाग इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है, ये बिलकुल समझ से परे है क्योंकि व्यापारिक केंद्र के बीच स्थित ये गोविंदपुर डाकघर अपनी बदहाली का रोना खुद बयान कर रहा है। सबसे ज्यादा भीड़ उन बहन की है जो अपने भाई के लिए राखी देश विदेश भेजने के लिए आ रही है।

वैसे अपनी सूझबूझ से कर्मियों द्वारा भेजे जाने वाले डाक को पैसे के साथ लेकर रख रहे है और भरोसा दिया जा रहा है की बिजली आने के बाद आपका डाक आपके गंतव्य तक भेज दिया जाएगा। परंतु ये आधिकारिक नहीं और उपभोक्ता वापस लौट रहे हैं। सवाल अहम इसलिए भी है की जिन अधिकारी को ये व्यवस्था उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है वो समय रहते इसका उपाय क्यों नहीं करते। ऐसी कारणों से वे सरकार के राजस्व का नुकसान तो करा ही रहे, साथ ही सरकारी संस्थानों की बदनामी भी करा रहे।

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