“सब्र का इम्तिहान ना ले सरकार “…..स्वास्थ्य संगठनों की दो टूक…….प्रदेश के सभी शीर्ष व कर्मचारी संगठन आये एक मंच पर…..पढ़िये सिविल सर्जन और वक्ताओं ने क्या कहा…
धनबाद। प्रदेश के स्वास्थ्यकर्मी अब अपनी मांगों पर मुखर होते दिख रहे है। शुक्रवार को जिस तरह से स्वास्थ्य कर्मचारियों के अलग-अलग संगठनों ने एक मंच पर आवाज बुलंद की, उससे एक बात तो साफ है कि आने वाले दिनों में स्वास्थ्यकर्मियों की मांगों का कोई समाधान नहीं निकला तो बड़े आंदोलन का आगाज भी हो सकता है। प्रदेश के आधा दर्जन से ज्यादा स्वास्थ्य संगठनों ने शुक्रवार को एक मंच पर आकर ना सिर्फ अपनी समस्याओं पर चर्चा की, बल्कि सरकार की अनदेखी पर नाराजगी भी जतायी। ये नाराजगी साफ जता रही थी कि स्वास्थ्यकर्मियों का आक्रोश अंदर ही अंदर भड़क रहा है। बैठक में स्वास्थ्यकर्मियों से जुड़े कई मुद्दे रखे गये, जो वर्षों पुरानी होने के बावजूद सामाधान की दिशा में नहीं बढ़ रहे हैं।
HPBL को मिली जानकारी के मुताबिक 2211 शीर्ष वेतन मद में कार्य कर रहे कर्मचारियों के वेतन और 2210 में वेतन मद में कार्य कर रहे कर्मियों के स्थानांतरण के मुद्दे के अलावे NRHM के कर्मियो के 10-15% बोनस को मूल मानदेय में जोड़, EPF/GPF/CPF की कटौती की जाने वाली राशि को यथाशीघ्र कर्मचारियों के खाते में जमा करने, कोरोना काल में जान गंवाने वाले कर्मियो की बीमा राशि भुगतान, सभी अनुबंध कर्मचारियों के नियमितीकरण, DMFT अंतर्गत कार्य कर रहे कर्मियो के हर माह मानदेय भुगतान और मानदेय बढ़ोतरी जैसे मुद्दों पर शुक्रवार को लंबी चर्चा हुई। बैठक में इन मुद्दों को लेकर कर्मचारी काफी आक्रोशित भी दिखे। इशारों में कई संगठनों ने स्वास्थ्यकर्मियों के मुद्दे पर आंदोलन पर जोर भी दिया।
ये नाराजगी बता रही है कि स्वास्थ्यकर्मियों का सब्र अब टूट रहा है और जल्द ही आंदोलन का आगाज हो सकता है। झरिया के शंकर सिंह बेदी ने सभी कर्मियों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया और सलाह दी कि अनुशासित और सैंविधानिक तरीके से है अपनी मांगों को जल्द पूरा कराएंगे। चिकित्सा संघ के अध्यक्ष रवींद्र कुमार ने कहा कि
“हमारा संगठन तोड़ने में नहीं जोड़ने में विश्वास रखता है। इसलिए सभी संगठन एक साथ काम करे ये कर्मचारी हित के लिए अच्छा होगा”
मौके पर धनबाद के सिविल सर्जन डा श्याम किशोर ने कहा कि
“बहुत सारी समस्या मेरे जानकारी में व्यस्तता के कारण नही हो पाती है, संगठन का काम है कि कर्मचारियों की समस्या से अवगत कराए, मुझे जल्द से जल्द उसका समाधान करने में खुशी होगी”
ANM/GNM संघ की अध्यक्ष नामलीन बारला और सचिव माला कुमारी की ओजस्वी बातो से सभी सदस्य को मंत्रमुग्ध कर दिया। नेताद्वय ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा कि
“आप सभी संगठन का साथ मिल गया है, अब अनुबंधकर्मियो को नियमित होने से कोई रोक नहीं सकता। मान सम्मान की लड़ाई में नियमितीकरण हमारा प्रमुख उद्देश्य है और हम इसे लेकर रहेंगे”
पारा चिकित्सा कर्मी संघ के जिला मंत्री विवेकानन्द प्रसाद और मो रियाज ने कहा
“अनुबंध का दर्द से उबरने की जरूरत है, जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक समस्याओं के निदान के लिए हमारे संघ के सदस्य पूरी तरीके से साथ देने के लिए तैयार है। अब विभाग के टाल मटोल की नीति का जवाब आंदोलन से देंगे”
चिकित्सा संघ के महामंत्री रामाधार शर्मा ने कहा की
सभी नेतृत्वकर्ता को कर्मचारी हित के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने की जरूरत है और कहा मजदूरों की नगरी में अपनी आवाज को बुलंद करने और पूरे झारखंड को एक नई दिशा देने का वक्त आ गया है। नेतृत्वककर्ताओं ने सिविल सर्जन के आश्वाशन पर विश्वास जताते हुए कहा कि लंबित मांगों के समाधान के लिए वक्त की मांग की गई है, उनके आश्वाशन पर विश्वास करते हुए सिविल सर्जन से अपेक्षा रखते है की वो अपनी वादे पर अडिग रहेंगे। अन्यथा आंदोलन के रास्ता अपनाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। आंदोलन के लिए धनबाद जिला को तैयार रखने की जिम्मेदारी जिला मंत्री सत्येंद्र शर्मा को दी गयी है।
पारा मेडिकल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष श्याम बिहारी और प्रखंड मंत्री नूतन कुमारी ने कहा जिस तरह 2014 मं ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन ने राज्य भर अनुबंध कर्मियो को नियमित कराया है उसी तरह अब बचे हुए सारे अनुबंध कर्मी के भी नियमितीकरण कराने के लिए सबको साथ आना चाहिए। इसमें हमारा एसोसिएशन अग्रणी भूमिका अवश्य निभाएगा।