स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत बनाने में फ़ार्मासिस्टों की भूमिका बहुत अहम : राज्य भर में मना फार्मासिस्ट डे

रांची :सदर अस्पताल में फ़ार्मासिस्टों के योगदान को सराहने के लिए हर साल 25 सितंबर को विश्व फ़ार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य चिकित्सा के क्षेत्र में फार्मासिस्टों की भूमिका का सम्मान करना है। इस वर्ष भी 25 सितंबर को विश्व फ़ार्मासिस्ट दिवस मनाया गया। वर्ष 2024 का थीम फार्मासिस्ट: वैश्विक स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति है।

महासचिव झारखंड फार्मासिस्ट एसो रांची के उपेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि विश्व फ़ार्मासिस्ट दिवस पर स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत बनाने में फ़ार्मासिस्टों की भूमिका बहुत अहम होती है। फार्मासिस्ट का मतलब दवा की सप्लाई चैन सिस्टम को मजबूत करना है। मरीजों को सही दवा और सही डोज़ देना फ़ार्मासिस्टों का ही काम होता है।

फ़ार्मासिस्ट, मरीज़ों को दवाएं लेने के बारे में सलाह देते हैं और दवाओं के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में चेतावनी देते हैं। फ़ार्मासिस्ट, सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के अस्पतालों में काम कर सकते हैं। फ़ार्मासिस्ट, दवा कंपनियों में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव या ड्रग एंड फ़ॉर्मूला इंस्ट्रक्टर के तौर पर भी काम कर सकते हैं।

जरूरी है कि फार्मासिस्ट अपनी भूमिका को समझते हुए गंभीरता अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करें, ताकि समाज को उसका समुचित लाभ मिल सके। अंतराष्ट्र्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन की स्थापना 1912 में 25 सितंबर के दिन ही हुई थी।

सदर अस्पताल के फार्मासिस्ट अनिल सिंह ने कहा की हर साल विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है। एक फार्मासिस्ट लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अपने सभी कर्तव्य करता है, जिसमें दवा की सही पहचान, उसकी रीस्टॉकिंग, एक्सपायरी डेट और दवाओं की उपलब्धता आदि शामिल है, ताकि किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका कोई गलत प्रभाव न पड़े।

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मौके पर अंकेश कुमार , पूजा कछाप ,बॉस कुमार,गौतम जी,संदीप कछाप और इंटर्न फार्मासिस्ट मे अयमान सुलतान,प्रशांत नायक, राजान कुमार,श्याम विमल ,शोएब,मनीषा खन्नाम ,इरम ,सूफिया,रीना, राशमी सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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