मुजफ्फरपुर। बंदी परमानंद मंडल की न्यायिक हिरासत में मौत मामले में मानवाधिकार आयोग ने बड़ा एक्शन लिया है। अधिकारी समेत चार पुलिसकर्मियों से पांच लाख रुपये वसूलने का आदेश ह्यूमन राइट कमीशन ने दिया है। घटना के दिन बंदी की सुरक्षा में प्रा.पुलिस अवर निरीक्षक ब्रिज कुमार राम, सिपाही जितेंद्र कश्यप, दशरथ पासवान और अशोक शर्मा प्रतिनियुक्त थे। इसमें से ब्रिज कुमार राम भोजपुर जिला बल से सेवानिवृत हो चुके हैं। सिपाही जितेंद्र कश्यप वर्तमान में रेल मुजफ्फरपुर में तैनात हैं।

दशरथ पासवान वर्तमान में विशेष शाखा पटना में पदस्थापित हैं और सिपाही अशोक शर्मा वर्तमान में गया जिला बल में तैनात हैं। बता दें कि इन सभी के वेतन मद से ही समानुपातिक ढंग से यानी सवा-सवा लाख रुपये वसूल की जानी है। बंदी की मौत के मामले में जांच में पाया गया कि अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा लापरवाही बरती गई है।

जानकारी के मुताबिक 2015 में समस्तीपुर जिले के उपकारा रोसड़ा के बंदी परमानंद मंडल की मौत पीएमसीएच में इलाज के दौरान हो गई थी। बंदी मुंगेर जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के हसनपुर का रहने वाला था। वह विभूतिपुर थाने से चोरी के मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। जेल जाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद सदर अस्पताल समस्तीपुर में भर्ती कराया गया। बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच में 13 मई 2015 को भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान तीन जून 2015 को उसकी मौत हो गई।

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