रांची/रायपुर। पुरानी पेंशन बहाली का मामला छत्तीसगढ़ में उलझ गया है। राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य था, जहां पुरानी पेंशन बहाल हुई थी, लेकिन केंद्र के पैसे लौटाने से इंकार के बाद मामला पूरी तरफ से फंस गया है। ऐसे में अब छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार अब बीच का रास्ता निकालने में जुट गयी है। हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रही है। इधर, सरकार कर्मचारी-अधिकारी संगठनों से भी वार्ता की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अफसरों को निर्देश दिया है कि वो कर्मचारी-अधिकारी संगठनों से वार्ता करे।

दरअसल कल केंद्र सरकार का लोकसभा में आया बयान छत्तीसगढ़ सरकार के लिए चिंता बढ़ाने वाला रहा। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के इस बयान के बाद ही तुरंत मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वो कर्मचारी-अधिकारी संगठनों से वार्ता करें और बीच का रास्ता निकाले। केंद्र के NPS की राशि नहीं लौटाने के केंद्र सरकार के दिये बयान के बाद अब राज्य सरकार ने अन्य विकल्पो पर विचार करना शुरु कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मीडिया से बातचीत में कहा कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आगे का कदम कर्मचारी अधिकारी संगठनों से बातचीत कर तय किया जायेगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेस वार्ता में कहा की देखिये ये पैसा है विशुद्ध रूप से राज्य के कर्मचारियों और राज्य सरकार का अशंदान है। भारत सरकार का इसमें एक पैसा भी नहीं है। जो केंद्रीय कर्मचारी हैं, उनका पैसा उनके पास है। लेकिन ये जो पैसा है, ये राज्य के कर्मचारियों का पैसा है और राज्य का अंशदान है। इसी के लिए हम लगातार मांग कर रहे हैं। भारत सरकार का नकारात्मक रवैया है। इसके इसके लिए मैंने कल ही अधिकारियों को कहा है कि कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक करें। क्या रास्ता निकल सकता है, उसपर बातचीत करें, फिर हमारे पास आये। ताकि ओल्ड पेंशन स्कीम जो लागू किये हैं, उसका हल निकाल सके।

दरअसल NPS की राशि निकालने का भले ही राज्य सरकार को अधिकार ना हो, लेकिन कर्मचारी एनपीएस की नियत राशि निकाल सकते हैं। लिहाजा वार्ता में कर्मचारियों से एनपीएस की राशि निकालने के मुद्दे पर चर्चा हो सकतीहै। यहां ये जानना भी जरूरी है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने फिलहाल अपने कर्मचारियों के एनपीएस से राशि निकालने पर रोक लगा दी है।

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