नई दिल्ली। NPS को गैर भाजपा शासित राज्यों में खत्म किया जा रहा है। अब NPS के बदले फिर से OPS यानि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किया जा रहा है। इन सबके बीच बहस छिड़ी है कि पालटिकल माइलेज लेने के लिए OPS लाने वाली राज्य सरकार कहीं खुद के लिए मुसीबत तो मोल नहीं ले रही है। 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एनके सिंह ने कहा कि बहुत विचार-विमर्श के बाद लागू की गई नई पेंशन योजना को छोड़ना राज्यों के लिये ‘नासमझी’ भरा कदम होगा और यह उन्हें ‘कठिनाइयों और दबाव’ में डाल देगा. भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में सिंह ने कहा कि व्यापक विचार-विमर्श के बाद नई पेंशन योजना को अपनाया गया था।

कांग्रेस और आप जैसे राजनीतिक दल मतदाताओं से पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा कर रहे हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे कुछ राज्यों में कांग्रेस पहले ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर चुकी है, वहीं आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब में पुरानी पेंशन को लागू करने की बात कही है। कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का वादा किया है। यह पार्टी का बड़ा चुनावी वादा था और कांग्रेस गुरुवार को घोषित नतीजों में बहुमत हासिल करने में सफल रही।

यह पूछे जाने पर कि राज्य पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कर रहे हैं, सिंह ने कहा, ‘‘नई पेंशन योजना को छोड़ना और पुरानी व्यवस्था को अपनाना नासमझी भरा कदम है।” उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान इस पर बहुत सावधानी के साथ चर्चा हुई थी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इसके पक्ष में थे। सिंह ने कहा, ‘‘मेरे सहयोगी मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने इस विषय पर विस्तार से टिप्पणी की है कि नई पेंशन योजना से पीछे हटना और पुरानी पेंशन योजना को अपनाना राज्य के लिए वित्तीय आपदा होगी। कुछ राज्य जो इसे लागू कर रहे हैं, वास्तव में वे प्रदेश की वित्तीय स्थिति को ‘बड़ी कठिनाइयों और दबाव में’ डाल रहे हैं। नई पेंशन योजना के पीछे ठोस आर्थिक तर्क हैं।

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