रायपुर/रांची: पुरानी पेंशन बहाली पर केंद्र और राज्य सरकार में चल रही खींचतान के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने तय किया है, कि अब राज्य सरकार खुद अपने बूते ही कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देगी। कैबिनेट में भी भूपेश सरकार ने ये प्रस्ताव पारित कर दिया है। आपको ये जानना जरूरी है कि छत्तीसगढ़ राज्य, राजस्थान के बाद दूसरा ऐसा राज्य था, जिसने अपने राज्य में पुरानी पेंशन बहाली की थी। पिछली बार बजट सत्र में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुरानी पेंशन बहाली का ऐलान किया था। राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2022 से अपने राज्य के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की बहाली का ऐलान किया है।


शुक्रवार हुई केबिनेट की बैठक में राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के एनपीएस की राशि वापस करने के केन्द्र सरकार की मनाही के बाद भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ में अब शासकीय सेवकों को एक अप्रेल 2022 से ही छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि का सदस्य माना जाएगा और एक नंवबर 2004 या उसके बाद नियुक्त तिथि से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते में जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश शासकीय कर्मचारी को एनपीएस नियमों के तहत देय होगा।

कर्मचारियों को राज्य शासन के अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश जमा करने पर ही पुरानी पेंशन की पात्रता होगी। इसके लिए शासकीय सेवकों को एनपीएस अंतर्गत पूर्ववत बने रहने अथवा पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने का विकल्प नोटराईज्ड शपथ पत्र में देना होगा। यह विकल्प अंतिम और अपरिवर्तनीय होगा। शासकीय सेवक द्वारा पुरानी पेंशन योजना के विकल्प लेने पर एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते में शासन द्वारा जमा किए गए अंशदान एवं उस पर प्राप्त लाभांश को शासन के खाते में जमा करना होगा। एक अप्रेल 2022 एवं उसके पश्चात् नियुक्त होने वाले राज्य के शासकीय सेवक अनिवार्य रूप से पुरानी पेंशन योजना के सदस्य होंगे।

क्या बोले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने NPS की राशि को लेकर पहले ही पत्र लिखा था, उसका भी जवाब आया था कि 17 हजार करोड़ की राशि नहीं लौटा सकते। फिर नीति आयोग में भी हमने अपनी बातों को रखा, अब हमने फैसला लियाहै कि पुरानी पेंशन को राज्य सरकार अपने दम पर देगी। कल हमने कैबिनेट में इस बात का फैसला लिया है कि राज्य सरकार बिना केंद्र की मदद के अपने बूते राज्य के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने कैबिनेट में फैसला ले लिया है।

कर्मचारी संगठन नाराज

संयुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि सरकार ने एनपीएस कर्मचारी को 1अप्रैल 2022 से सामान्य भविष्य निधि का सदस्य माने जाने का जो निर्णय लिया है यह प्रथम दृष्टया ही गलत एवं कर्मचारी विरोधी निर्णय है। सरकार से निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए एनपीएस कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पुराना पेंशन देने का अपना पूर्ववर्ती मांग दोहराया है। साथ ही निर्णय में स्पष्टता की मांग किया है कि एनपीएस कर्मचारी अपने एनपीएस अंशदान एवं उसका लाभांश व राज्य सरकार का अंशदान एवं उसका लाभांश जमा करने और उसका नोटरी युक्त एफिडेविट देने पर ही वह पुराना पेंशन की पात्रता रखेगा। यदि ऐसा है तो यह पूरी तरह से अनुचित है।

टीचर्स एसोसिएशन ने भी जतायी नाराजगी

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा ने कैबिनेट के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सेवानिवृत्ति पर राज्यांश राशि जमा करेंगे पर प्रथम नियुक्ति से पेंशन हेतु सेवा गणना का आदेश शासन को तत्काल करना चाहिए।कैबिनेट के निर्णय में उल्लेख है कि एनपीएस खाते में जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश शासकीय कर्मचारी को एनपीएस नियमों के तहत देय होगा, इसे शासन को स्पस्ट करना चाहिए कि NPS कटौती बंद होने के बाद भी प्रान खाता एक्टिव रहेगा व NPS में जमा राशि NPS पेंशन नियमों के तहत देय होगा।पर कर्मचारियों को राज्य शासन के अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश जमा करने पर ही पुरानी पेंशन की पात्रता होगी, इस निर्णय में यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि शासन का अंशदान भी कर्मचारी के प्रान नम्बर पर ही जमा है अतः उक्त राशि भी एनपीएस नियमों के तहत देय होगा जबकि NPS व PFRDA का नियम सेवानिवृत्त या निधन की स्थिति में ही भुगतान करने का है।

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