रायपुर: पुरानी पेंशन बहाल करने वाले एक और राज्य छत्तीसगढ़ ने NPS की राशि निकालने पर रोक लगा दी है। हालांकि ये रोक सिर्फ अंतिम आहरण पर है, लेकिन राज्य सरकार के इस फरमान ने कर्मचारियों को नाराज कर दिया है। आपको बता दें कि इससे पहले राजस्थान सरकार ने भी NPS की राशि निकालने पर रोक लगा दी थी। राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ दूसरा राज्य था, जहां कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल हुई थी। अब पुरानी पेंशन बहाल करने वाली पहली और दूसरी दोनों सरकार ने अपने कर्मचारियों को दो टूक कह दिया है कि NPS से राशि निकासी नहीं की जायेगी।

दरअसल हुआ ये था कि जब से राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल की है, केंद्र और राज्य में टकराव बढ़ गया है। बार-बार की कोशिश के बावजूद NSDL की राशि के संदर्भ में केंद्र सरकार अपना रूख स्पष्ट नहीं कर रही है। लिहाजा संभावित आशंकाओं को लेकर राज्य के पूर्व NPS कर्मी लगातार नवीन अंशदायी पेंशन योजना से राशि आहरित कर रहे हैं। प्रावधान के मुताबिक NPS में जमा राशि को कोई कर्मचारी अपने सेवा काल में तीन बार आहरित कर सकता है, लिहाजा लगातार राशि की निकासी के बीच अंतिम आहरण पर राज्य ने रोक लगा दी है।

राज्य सरकार ने अपने आदेश में कही है ये बातें

वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा पुरानी पेेंशन योजना लागू होने के बाद अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत आहरण किया जाना अनुचित है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 01 नवम्बर 2004 से लागू नवीन अंशदायी पेंशन योजना (सीपीएस) के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही शासकीय सेवकों के अप्रैल माह के वेतन से नियमानुसार सामान्य भविष्य नीधि की कटौती किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

पेंशनर्स संगठन ने जताया तीखा विरोध

छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पुरानी पेंशन योजना बहाल किए जाने के मद्देनजर नवीन अंशदायी पेंशन योजना के राशि का मृत्यु अथवा रिटायर होने के बाद अंतिम आहरण पर रोक का वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश को अनुचित कदम करार दिया है। क्योकि सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू करने बाद भी रिटायर कर्मचारियों को मासिक पेंशन देने में असमर्थ है। केन्द्र और राज्य सरकार आपसी खींचतान में ऐसे कर्मचारी जो सेवानिवृत्त हो रहे हैं उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ कैसे मिलेगा यह यक्ष प्रश्न बन गया है। नामदेव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार को तुरन्त इस आदेश को निरस्त कर अपने जरूरी पारिवारिक जिम्मेदारियों के निहितार्थ अंतिम आहरण की अनुमति देना चाहिए और इस मामले स्पष्ट पालिसी बनाकर सेवानिवृत्त होनेवालों के हित में तुरन्त निर्णय लेने की जरूरत पर बल दिया है। वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत आहरण किया जाना अनुचित है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 01 नवम्बर 2004 से लागू नवीन अंशदायी पेंशन योजना (सीपीएस) के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही शासकीय सेवकों के अप्रैल माह के वेतन से नियमानुसार सामान्य भविष्य नीधि की कटौती किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। परन्तु नवीन अंशदायी पेंशन योजना में पूर्व में कटौती की राशि का भुगतान केन्द्र और राज्य सरकार के आपसी विवाद के बीच पचड़े में फंस गया है।

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