धनबाद: त्योहार के मौके पर धनबाद पुलिस लगातार अतिक्रमण करने वालों पर कहर बरपा रही है। ऐसा ही एक वाकया जिले के गोविंदपुर प्रखंड में देखने को मिली। नवरात्रि के मौके पर जहां सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान और बाजार में भीड़ भाड़ का माहौल था। उसी बीच पुलिस प्रशासन का बुलडोजर कहर बरपा रहा था। जीटी रोड के किनारे बसे गोविंदपुर बाजार में जामताड़ा, गिरिडीह, निरसा, बलियापुर एवं अन्य जगह के लोग खरीद बिक्री करने पहुंचते हैं। नवरात्रि के मौके पर काफी भीड़ भाड़ देखने को मिल रही थी। इसी बीच पुलिस प्रशासन का बुलडोजर अतिक्रमण हटाने के लिए गोविंदपुर बाजार में निकल पड़ा।

बलियापुर रोड, टुंडी रोड, जीटी रोड के दोनों तरफ, फुटपाथ पर लगी दुकान, ठेले खोमचे वाले दुकान, दुकान के बाहर सेड बनाकर अतिक्रमण वाले करने वाले सभी को हटा दिया गया। लोगों ने अपनी भीड़ भाड़ के बीच खरीदारी छोड़ अतिक्रमण हटाने वाले बुलडोजर को देखने के लिए जुट गई। सभी दुकानदार अपने अपने सामान को समेटते दिखे। कई दुकानदारों ने दुकान ना तोड़ने की गुहार लगाई परंतु प्रशासन अतिक्रमण हटाने की मंशा से गोविंदपुर पहुंची थी सो अतिक्रमण हटाने में लगी थी। समान समेटने और खुद अतिक्रमण हटाने वाले दुकानदार के तर्क करने की वजह से पुलिस प्रशासन इंतजार करने के मूड में नहीं दिखी। अवैध रूप से कब्जा जमाने वाले दुकानदार के सेड निर्माण, चबूतरा और स्थाई रूप से बनाए गए निर्माण को हटा दिया।

गोविंदपुर में हो चुके है कई बड़े हादसे

गोविंदपुर बाजार सबसे व्यस्तम सड़क एनएच 2 के दोनों तरफ बसा है। जहां पर लोग काफी दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों से अपनी खरीदारी करने पहुंचते हैं। परंतु इतने व्यस्तम मार्ग पर ना तो ट्रैफिक की व्यवस्था है ना ही रोड के पार करने की समुचित व्यवस्था। क्रॉसिंग को बंद कर दिया गया है। सड़कों पर हमेशा ठेले वाले, ऑटो वाले और दुकान के आगे शेड बनाकर अवैध निर्माण कर अतिक्रमण कर चुके हैं। जिससे आए दिन कई हादसे हो चुके हैं। इसका खामियाजा खरीदारी करने वाले लोगों को भुगतना पड़ता है।

दुकानदारों को आरोप आखिरकार पर्व त्योहार के समय ही ऐसा क्यों

पुलिस प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाया जाना सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए ये कदम तो उचित है। परंतु दुकानदारों का आरोप था कि आखिरकार पर्व त्यौहार में जहां लोग रोजी-रोटी की आस में दूरदराज एरिया से खरीद बिक्री करने पहुंचते हैं, इस बीच इस तरह का कदम उठाना पुलिस प्रशासन के लिए कतई उचित नहीं था। कई दुकानदारों के अपनी गुहार आंखों में आंसू लिए पुलिस प्रशासन के पास पहुंची परंतु पुलिस प्रशासन एक ना सुनी। ऐसे में यह सवाल तो जरूर उठता है कि दुकानदारों को रोड पर अतिक्रमण लगाने की छूट दी ही क्यों जाती है? अतिक्रमण करने से पहले ही उन्हें रोका क्यों नहीं जाता? साथ ही इस नवरात्र जैसे पवित्र त्यौहार के बीच ही प्रशासन की नींद क्यों टूटती है?

कई जगह हो चुकी है पुलिस से झड़प

प्रशासन द्वारा इसके पूर्व भी बैंक मोड़, हीरापुर जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी परंतु वहां के भारी आक्रोश का सामना भी पुलिस प्रशासन को करना पड़ा था। सभी ने पर्व त्योहार की दुहाई देकर इस अतिक्रमण का विरोध किया था। इस बीच दोनों तरफ से वाद-विवाद का भी दौर चला। गोविंदपुर के सभी दुकानदार की नाराजगी स्थानीय नेतावक प्रति देखने को मिली जिसमें आरोप लगाया की अपने आप को बड़े पार्टी का नेता कहलाने वाले कोई भी हमलोग का साथ देने और प्रशासन से बात करने नही आया।अब हम्लोगो के रोजी रोटी छीन गई,आखिरकार त्योहार हमारे परिवार के लिए भी है।

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