…ED के अफसरों को देखते ही इंजीनियर ने फेंका अपना मोबाइल, फाड़ डाले कागजात… मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के हमराज के ठिकानों पर ईडी की दबिश

रांची। झारखंड में भ्रष्ट अधिकारियों और राजनेताओं की ‘काली कमाई’ को ढूंढने में ईडी की टीम जुटी है। सोमवार को ईडी की टीम ने ग्रामीण कार्य विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के जूनियर रामपुकार राम के रांची स्थित आवास पर छापेमारी की है। पिछले दिनों ही ईडी की टीम ने वीरेंद्र राम के रांची, जमशेदपुर, मानगो, सिवान, हरियाणा, दिल्ली सहित देश के 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें ईडी के हाथ करोड़ों की राशि लगी थी। इसके बाद ईडी की टीम ने वीरेंद्र राम को पांच दिन की रिमांड पर लिया है।

ईडी को जानकारी मिली कि वीरेंद्र राम के हर जुर्म में ये उनके सहयोगी हैं। इसके बाद ईडी ने सोमवार की दोपहर करीब 12 बजे उनके आवास पर दस्तक दे दी। राम पुकार राम का आवास रांची के लालपुर थाना क्षेत्र के पीस रोड में बीआइटी एक्सटेंशन के पीछे स्थित द्वारिकेश अपार्टमेंट में है। उनके फ्लैट नंबर 401 में ईडी ने जैसे ही छापेमारी की, ईडी को देखते ही राम पुकार राम ने सबसे पहले अपना मोबाइल फेंक दिया और संदिग्ध दस्तावेज को फाड़ डाला। ईडी ने राम पुकार राम को तत्काल हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ जारी है।

प्रारंभिक सूचना के अनुसार, बहुत जल्द ही राम पुकार राम की भी गिरफ्तारी हो सकती है। उनपर आरोप है कि उन्होंने भी वीरेंद्र राम के साथ मिलकर अकूत संपत्ति अर्जित की है। ईडी उनकी संपत्ति का पता लगा रही है। वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद झारखंड की राजनीति में उनके राजनीतिक रसूख की चर्चा जोरों पर है। दावा किया जाता रहा है कि वीरेंद्र राम का राजनेताओं से लेकर अधिकारियों तक बड़ी सांठगांठ थी। उसकी मर्जी के बगैर ग्रामीण विकास में एक पत्ता नहीं हिलता था।

दावा किया जाता रहा है कि वीरेंद्र राम का राजनेताओं से लेकर अधिकारियों तक बड़ी सांठगांठ थी। उसकी मर्जी के बगैर ग्रामीण विकास में एक पत्ता नहीं हिलता था। हालत यह है कि जब एसीबी ने उसके खिलाफ पीई दायर करने के लिए मंत्रीमंडल और निगरानी विभाग को अपनी गोपनीय रिपोर्ट भेजी तो उस गोपनीय रिपोर्ट को भी दबा दिया गया। एसीबी को वीरेंद्र राम के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति नहीं दी गई।

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