OMG! एक तरफ अंधविश्वास ने निगल लिए मां-बाप, दूसरी ओर नक्सलियों ने बुझा दी मासूमों की उम्मीद – दो दिन, दो कहानियां, पर अंत एक!

OMG! एक तरफ अंधविश्वास ने निगल लिए मां-बाप, दूसरी ओर नक्सलियों ने बुझा दी मासूमों की उम्मीद – दो दिन, दो कहानियां, पर अंत एक!

सूरजपुर / सुकमा : छत्तीसगढ़ में बीते 24 घंटे दो दर्दनाक घटनाओं के गवाह बने — एक ओर अंधविश्वास ने चार मासूमों से उनके मां-बाप छीन लिए, तो दूसरी ओर नक्सलियों ने एक और शिक्षादूत की निर्मम हत्या कर दहशत फैला दी।

घटना 1: अंधविश्वास बना मौत की वजह
सूरजपुर जिले में सांप के काटने के बाद अंधविश्वास के फेर में एक पति-पत्नी की जान चली गई। घटना के अनुसार, जब सांप ने उन्हें काटा, तो परिजनों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने के बजाय झाड़-फूंक में घंटों गंवा दिए। जब तबीयत बिगड़ी तो दोनों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। अब उनके चार मासूम बच्चे अनाथ हो चुके हैं।

घटना 2: नक्सली आतंक का एक और शिकार बना शिक्षादूत
इसी दौरान सुकमा जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने सिलगेर इलाके के मंडीमरका में पदस्थ शिक्षादूत लक्ष्मण बारसे की हत्या कर दी। वह मूल रूप से बीजापुर के ग्राम पेगड़ापल्ली का निवासी था। जानकारी के अनुसार, लक्ष्मण को स्कूल से लौटते वक्त अगवा किया गया और फिर बेरहमी से मार दिया गया।

यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब बंद पड़े स्कूलों को दोबारा शुरू करने की कोशिशें की जा रही हैं। बीते दिनों में नक्सली 6 शिक्षादूतों की हत्या कर चुके हैं, जिसमें बीजापुर जिले के 6 और सुकमा जिले के 5 शिक्षक शामिल हैं।

इन घटनाओं से ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल है। एक तरफ अंधविश्वास, तो दूसरी ओर नक्सलवाद — दोनों ही समाज की जड़ें खोखली कर रहे हैं।

Related Articles