उमर अब्दुल्ला सरकार ने पास करवाया सूबे का स्पेशल स्टेटस बहाल करने का प्रस्ताव, BJP और NC में जमकर हुई तकरार

J&Kashmir Assembly: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आज एक बड़े राजनीतिक हंगामे का दृश्य देखा गया. दरअसल,भाजपा के हंगामे के बीच जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने बुधवार (6 नवंबर) को विशेष दर्जा बहाल करने की मांग वाला प्रस्ताव पारित कर दिया गया.विधानसभा ने ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित कर केंद्र से विशेष दर्जा बहाल करने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों से बातचीत करने को कहा. जैसा कि नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू कश्मीर केउपमुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी ने प्रस्ताव पेश किया, जिसमें जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी की बहाली की मांग की गई, जिससे जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा हुई और इसे एकतरफा तरीके से हटाए जाने पर चिंता जताई गई.

बवाल मचने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई स्थगित की

इसने भारत सरकार से जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए वहां के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू करने का भी आग्रह किया.इस कदम का विरोध करने के लिए भाजपा विधायक सदन के बीचों-बीच आ गए, जिससे सदन में हंगामा मच गया. स्पीकर द्वारा ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद वे ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस शर्म करो’ और ‘पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा’ जैसे नारे लगा रहे थे. हालांकि, इसके बाद शीघ्र ही अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.

कश्मीरी नेताओं ने प्रस्ताव का किया स्वागत

इस दौरान नेशनल कांफ्रेंस के एक नेता ने कहा जम्मू और कश्मीर की यह भूमि हमारे खून से सींची गई है. ऐसे में यह कभी भी देश से अलग नहीं होगा. हम सिर्फ विशेष दर्जे की बहाली की मांग कर रहे हैं, न कि कोई आजादी की. इस बीच आम आदमी पार्टी के एकलौते विधायक मेहराज मलिक ने बीजेपी विधायकों से कहा हंगामा करने से कुछ नहीं होगा. हम सभी को बैठकर बात करनी चाहिए. हमें हमारे जमीन और नौकरियों का सुरक्षा चाहिए. यह देश नहीं टूटने जाएगा हम सिर्फ अपने अधिकारों की बात कर रहे हैं.

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