शिमला। हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल कर दिया है. हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की पहली बैठक में ही कांग्रेस (Congress) सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) को फिर से बहाल करने का फैसला लिया.हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखबिंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने की घोषणा कर दी है. सीएम सुखबिंदर सिंह सुक्खू ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. हिमाचल में हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) बड़ा मुद्दा बन गया था।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने ट्वीट कर कहा, “कांग्रेस की विचारधारा प्यार, भाईचारे और सच्चाई की मिसाल है. आज लोहडी के शुभ अवसर पर मुझे हिमाचल के कर्मचारियों की लंबित मांग OPS को बहाल करते हुए बहुत खुशी हो रही है. मुझे पूर्ण विश्वास है कि कर्मचारी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हिमाचल के विकास मे अपना पूर्ण सहयोग देंगे.”

हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की संख्या लगभग 2.75 लाख है. आंकड़ें बताते हैं कि इनमें से करीब 1.5 लाख कर्मचारी नई पेंशन योजना के तहत आते हैं. ओपीएस में पेंशनरों को कर्मचारी के रूप में अंत में ड्रॉ किए वेतन का 50 फीसदी ही मिलता है. इसके विपरीत एनपीएस एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है, जिसमें कर्मचारियों को अपने वेतन का दस प्रतिशत हिस्सा देना होता है. सरकार कर्मचारी के एनपीएस खाते में 14 प्रतिशत भाग डालती है। हिमाचल प्रदेश में 2003 से पहले नियुक्त 1,90,000 कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिल रहा है. इसके बाद नियुक्त किए गए सभी कर्मचारियों को एनपीएस के तहत ही पेंशन मिल रही है. हिमाचल प्रदेश से पहले छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने की बात कही है.

महिलाओं को मिलेगी 1500 रुपए पेंशन
बता दें कि इस पुरानी पेंशन योजना के तहत महिलाओं को 1500 रुपए पेंशन देने का निर्णय लिया गया है। इसकी रिपोर्ट 30 दिनों के अंदर सब कमेटी जमा करेगी। वहीं एक लाख लोगों को रोजगार देने के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन करेगी जो 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी। हर्षवर्धन चौहान, जगत सिंह नेगी और रोहित ठाकुर एक महीने के भीतर इसकी रिपोर्ट देंगे।

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