लैपटॉप घर लेकर नहीं जाने का अधिकारी – कर्मचारी को सख्त निर्देश, जानिए किन वजहों से विभागीय सचिव ने जारी किया आदेश…

रांची । झारखंड सरकार ने ग्रामीण विकास विभाग के अपने अधिनस्थ अधिकारियों- कर्मचारियों को कार्यालय के काम के लिए दिए गये लैपटॉप (कंप्यूटर) को अपने घरों में ले जाने पर रोक लगा दिया है. इस संबंध में विभागीय सचिव प्रशांत कुमार के निर्देश पर आदेश जारी कर दिया गया है और सभी कर्मचारियों को हिदायत दी गयी है कि किसी भी हाल में लैपटॉप को अपने आवास में न ले जायें. इसे कार्यालय में ही रखा जाय। बता दें कि, ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं के सुचारू रूप से कार्यान्वयन के लिए कुछ पदाधिकारियों-कर्मचारियों को विभागों के अधिनस्थ प्रभाग मनरेगा, पीएम आवास ग्रामीण, रूर्बन मिशन से लैपटॉप दिया गया है. यह देखा जा रहा था कि अधिकांश अधिकारी व कर्मचारी इसे अपना निजी लैपटॉप समझते हुए अपने घरों में ले जाते हैं। विभाग ने अब इस पर रोक लगायी है. ऐसा नहीं करने वालों पर कारवाई भी की जाएगी।

दस्तावेज में गड़बड़ी होने का दिया हवाला

लैपटॉप को घर लेकर जाने से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जो सॉफ्टकॉपी के रूप मे लैपटॉप में रहता है उसमे गड़बड़ी होने की आशंका विभाग द्वारा जताई गई है।

मालूम हो की प्रर्वतन निदेशालय भी मनरेगा घोटाले की जांच कर रहा है. 100 करोड़ की सामग्री खरीद की घोटाले की भी जांच हो रही है. सूत्रों के अनुसार ईडी की ओर से भी इस बाबत दिशा-निर्देश दिए गये हैं. इन लैपटॉप की भी जांच कभी भी हो सकती है.

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