नयी दिल्ली। अब राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर ईडी का शिकंजा कस गया है। ED ने राहुल और सोनिया को समन भेजकर तलब किया है। ED ने मनी लांड्रिंग केस में दोनों से 8 जून को पूछताछ में शामिल होने को कहा है। कांग्रेस ने सोनिया गांधी पूछताछ में शामिल होंगी, हालांकि राहुल गांधी के दिल्ली में मौजूद होने की उम्मीद नहीं है, ऐसे में उनके लिए वक्त मांगा जायेंगा।

नेशनल हेराल्ड केस में दोनों नेताओं को शामिल होने केलिए ED ने तलब किया है। इस मामले में कांग्रेस के और दो बड़े नेता पवन बंसल और मल्लिकार्जुन खड़गे को 12 अप्रैल को शामिल किया था। प्रेस कांफ्रेंस में रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि वो लोग नोटिस से झुकेंगे नहीं, डरेंगे नहीं, बल्कि सीना ठोककर उसका सामना करेंगे।

जानकारी ये हैं कि सोनिया गांधी पूछताछ में जरूर शामिल होंगी, हालांकि राहुल गांधी फिलहाल विदेश में हैं, ऐसे में उनके पूछताछ में शामिल होने पर संशय है। अगर वो 8 जून तक वापस आये तो पूछताछ में शामिल होंगे, नहीं तो उनके लिए ईडी से समय मांगा जायेगा। जानकारी के मुताबिक अगर सोनिया और राहुल ईडी के सामने पेश नहीं होना चाहे हैं तो उनके सामने दो आप्शन है। पहला वो नोटिस का जवाब दिये बिना छोड़ सकते हैं, इस स्थिति में ईडी उन्हें दोबारा नोटिस देगी। वहीं दूसरा आप्शन है कि वो इस नोटिस को कोर्ट में चैलेंज करें।

ये है मामला
कांग्रेस ने साल 1937 में स्थापित नेशनल हेराल्ट अखबार चलाने वाली कंपनी, एसोसिएटेड जनर्ल्स लिमिटेड को 10 साल में 100 किश्तों में चेक के द्वारा देनदारी के भुगतान में 90 करोड़ का भुगतान किया। इसमें से 67 करोड़ का इस्तेमाल नेशनल हेराल्ट ने अपने कर्चमारियों की बकाया सैलरी देने में किया। बाकी पैसा बिजली, किराया, भवन पर खर्च किया गया है।

नेशनल हेराल्ट अखबार आय के अभाव में कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं था। इसलिए इसके एवज में असोसिएटेड जर्न्लस लिमिटेड के शेयर य़ंग इंडिया को दिये गये थे। जो कि कानून में एक नाट फार प्राफिट कंपनी है। मतलब यंग इंडिया की मैनेंजिंग कमेटी के सदस्य सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मोतीलाल वोरा थे। ये लोग किसी प्रकार का मुनाफा, डिवीडेंड, तनख्वाह या कोई वित्तीय फायदा इससे नहीं ले सकते थे। साथ मैनेजिंग कमेटी यंग इंडिया के शेयर को नहीं बेच सकती थी। इसका मतलब ये भी था यंग इंडिया के एक पैसा ना तो वित्तीय लाभ लिया जा सकता था और ना ही इसके शेयर को बेचा जा सकता था। कांग्रेस ने कहा कि ऐसा इसलिए था क्योंकि पार्टी नेशनल हेराल्ड एसोसिएटेड जनर्ल्स लिमिटेड और यंग इंडिया को केवल कांग्रेस पार्टी नहीं बल्कि देश की धरोहर मानते हैं।

साल 2013-14 में सुब्रहमण्यम स्वामी ने कांग्रेस पार्टी द्वारा नेशनल हेराल्ट को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा कर्ज देने को लेकर एक प्राइवेट कंप्लेंट कोर्ट में दायर की थी। जो आज भी विचाराधीन है। कांग्रेस का कहना है कि याचिका को लेकर झूठ बोला गया। कांग्रेस के मुताबिक कोर्ट में कुछ नहीं होने वाला। अब 7 साल बाद ED ने उस प्राइवेट कंप्लेंट के आधार केस दर्ज किये हैं।

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