पटना। साइबर अपराध इन दिनों कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। फर्जीवाड़ा का गोरखधंधा पूरी तरह से मोबाइल और सिम कार्ड से ही अंजाम दिया जाता है, लिहाजा बिहार पुलिस ने सिम की खरीद बिक्री पर पैनी नजर रखने का आदेश दियाह । बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक (SP) को खुदरा विक्रेताओं और दूरसंचार कंपनियों द्वारा TRAI के सिम कार्ड पंजीकरण नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। एडीजी ने कहा कि प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड की खरीद-बिक्री करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

बिहार के छह जिले- पटना, नवादा, नालंदा, गया, शेखपुरा और जमुई राज्य में साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट हैं। राज्य के नवादा, गया, नालंदा, जमुई और शेखपुरा जिलों में स्थित साइबर अपराधी राजस्थान, दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल से संचालित अंतरराज्यीय गिरोहों के लिए सहयोगी के रूप में काम कर रहे हैं। बिहार पुलिस ने टेलीकॉम कंपनियों से फर्जी दस्तावेजों पर जारी सिम कार्ड वाले ग्राहकों को बुक करने और पुलिस को सूचित करने को कहा है।

बिहार में बड़े पैमाने पर फर्जी सिम की भी शिकायत मिल रही है। मिली जानकारी के मुताबिक फर्जी सिम कार्ड मामले में मधुबनी में सर्वाधिक 35, नालंदा में 30, भोजपुर में 21, समस्तीपुर में 16, लखीसराय में 10 और पटना व जमुई में आठ-आठ प्राथमिकी दर्ज की गई है। सर्वाधिक 219 फर्जी सिम कार्ड के मामले गया जिले में पाए गए हैं। इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गईं हैं, जिसमें 195 लोग शामिल हैं। इसके अलावा मधुबनी जिले में 135 फर्जी सिम कार्ड, जबकि सुपौल में 71 फर्जी सिम कार्ड को चिह्नित कर बंद कराया गया है।

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) नय्यर हसनैन खान ने गुरुवार को समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि TRAI के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। अधिकारी ने कहा कि पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित रूप से सिम कार्ड खरीदने के लिए उपयोग किए जाने वाले दस्तावेजों की निगरानी और निरीक्षण करने के लिए कहा गया है।

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