झारखंड: एयरपोर्ट से सीधे गिरफ्तारी देने पहुंच गये निशिकांत दुबे, बोले, भगोड़ा नहीं हूं, पुलिस ने गिरफ्तार करने से किया इनकार, चीफ सेकरेट्री, डीजीपी, डीसी व एसपी पर विशेषाधिकार का केस…

Jharkhand: Nishikant Dubey went straight from the airport to surrender, said, I am not a fugitive, police refused to arrest me, privilege case filed against Chief Secretary, DGP, DC and SP...

देवघर। झारखंड के देवघर स्थित वैद्यनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह में कथित रूप से जबरन प्रवेश करने के आरोप में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और निशिकांत दुबे के खिलाफ थाने में शुक्रवार को FIR दर्ज की गई थी। जिसके बाद सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी गिरफ्तारी देने का ऐलान किया था। शनिवार को निशिकांत दुबे एयरपोर्ट से सीधे थाने में गिरफ्तारी देने पहुंच गए। हालांकि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने से मना कर दिया।

 

मैं भगोड़ा नहीं हूं-दुबे

इस दौरान सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि मैं भगोड़ा नहीं हूं। मेरे और मेरी पत्नी के खिलाफ ये 51वां मामला है। इस मामले में मेरे बड़े बेटे, मेरे भाई, पिता और मां के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। मैं इस मामले से दुखी हूं। प्रशासन जितनी बार मेरे खिलाफ मुक़दमे दर्ज करेगा, मैं उतनी बार सरेंडर करूंगा।

 

सांसद ने किया सोशल मीडिया पर पोस्ट 

 

वहीं सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पोस्ट कर लिखा है कि मोदी जी के नेतृत्व भाजपा का कार्यकर्ता हूँ ।देवघर एयरपोर्ट से सीधे बाबा मंदिर थाना गिरफ़्तारी देने पहुँचा। पुलिस ने गिरफ़्तारी करने से इनकार कर दिया । मैं मंदिर का ट्रस्टी,तीर्थ पुरोहित,देवघर में पैदा हुआ यहाँ का बेटा । केस करने वाले किस आधार पर गर्भ गृह के अंदर थे, यह जॉंच का विषय है । 51 केस और कितना, संविधान के धारा 105 के अंतर्गत विशेषाधिकार का केस हमने झारखंड के मुख्य सचिव,पुलिस महानिदेशक,देवघर उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक पर किया है।

 

 

बाबूलाल मरांडी ने भी पुलिस पर साधा निशाना 

वहीं बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा है कि निशिकांत दुबे ज अपनी गिरफ्तारी देने थाने पहुँचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने से ही मना कर दिया। उनके ख़िलाफ़ तो मंदिर में पूजा करने पर भी केस दर्ज किया गया सोचिए, आस्था के अधिकार पर भी राजनीति हो रही है। यह साफ़ दिखाता है कि मामला पूरी तरह राजनीतिक था और केवल उन्हें और सांसद मनोज तिवारी जी को परेशान करने के लिए ही किया गया। दरअसल, इस राज्य सरकार का यही पैटर्न है… भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं और यहॉं तक के परिवार वालों को भी डराने, दबाने और बदनाम करने के लिए लगातार नए केस गढ़ना और पुलिसिया कार्रवाई करना, लेकिन सच को दबाना नामुमकिन है। भाजपा के लोग सराकर प्रायोजित ऐसे दमनात्मक कारवाईयों से डरने वाले नहीं है।

Related Articles