नयी दिल्ली। झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का विवाद एक बार फिर गरमा गया है। निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाये हैं, उन्होंने दावा किया है कि महुआ मोइत्रा पैसे और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछती हैं।
निशिकांत दुबे ने ये आरोप लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को दो दिन पहले लिखी चिट्ठी में लगाए थे। इधर, निशिकांत दुबे की शिकायत पर बिरला ने इस मामले को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के पास भेज दिया है। एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर हैं।

आरोप लगने के बाद महुआ मोइत्रा भी एक्शन में आ गई हैं. उन्होंने सांसद निशिकांत दुबे और एडवोकेट जय अनंत देहरदई को लीगल नोटिस भी भेज दिया है। इस पूरे मामले के चार अहम किरदार- निशिकांत दुबे, जय अनंत देहरदई, महुआ मोइत्रा और दर्शन हीरानंदानी हैं।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को जो चिट्ठी लिखी थी, उसमें उन्होंने पैसे देने वाले का नाम भी लिया – बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी. दुबे ने अपने पत्र में लिखा कि महुआ मोइत्रा को ये पैसे अडानी समूह के खिलाफ पैसे पूछने के लिए मिलते हैं। इधर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहादराई के खिलाफ मानहानि का केस किया है। महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाई कोर्ट में निशिकांत दुबे, जय अनंत और कई मीडिया संगठनों के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया है।

ये केस जस्टिस सचिन दत्ता के सामने 17 अक्टूबर को लिस्ट किया गया. उन्होंने कहा कि वो इस मामले की सुनवाई 20 अक्टूबर को करेंगे। BJP सांसद ने आरोप लगाया था कि अडानी ग्रुप के खिलाफ सवाल पूछने के लिए महुआ मोइत्रा बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेती हैं. यही आरोप लगाते हुए जय अनंत देहादराई ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ CBI को शिकायती खत लिखा था।

पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद महुआ मोइत्रा ने इन आरोपों को सिरे से नकारा है। उन्होंने निशिकांत दुबे और जय अनंत के आरोपों को अपमानजनक, गलत, निराधार और बगैर सबूतों का बताया है। महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे और जय अनंत पर ‘व्यक्तिगत और राजनीतिक बदला लेने के लिए उनकी प्रतिष्ठा पर हमला’ करने का आरोप लगाया है।

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