राधिका यादव मर्डर केस में नया मोड़: पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पिता के कबूलनामे को बताया झूठ!

गुरुग्राम: राष्ट्रीय स्तर की टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या की कहानी अब उतनी सीधी नहीं रह गई, जितनी पहले मानी जा रही थी। पुलिस के मुताबिक, पिता दीपक यादव ने खुद बेटी को गोली मारने का कबूलनामा दिया था।
लेकिन अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इस बयान को ही खारिज कर दिया है।
बयान में तीन गोलियां, रिपोर्ट में चार – उलझ गई मर्डर मिस्ट्री
दीपक यादव ने पुलिस को बताया था कि उसने पीठ और कमर में तीन गोलियां मारीं, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खुलासा किया कि राधिका के सीने में चार गोलियां लगी थीं।
अब पुलिस की जांच इस दिशा में जा रही है कि – क्या दीपक सच बोल रहा है या कुछ छुपा रहा है?
प्री-प्लान मर्डर: बेटे को बाहर भेजा, पत्नी थी कमरे में
मामले में अब एक और एंगल सामने आया है।
हत्या के समय दीपक यादव ने जानबूझकर अपने बेटे को दूध लाने भेजा था, ताकि वह घर में न रहे।
पत्नी बीमार थी और कमरे में आराम कर रही थी। राधिका रसोई में थी, तभी गोलियां चलीं।
दीपक ने माना कि अगर बेटा घर पर होता, तो वह राधिका को गोली नहीं मार पाता।
Deepak Yadav was furious over Radhika Yadav filming reels with Inamul Haq.
Her father reveals the shocking motive behind her murder.
I condemn such things. This shouldn't have been done. pic.twitter.com/rDeHRrAEoj
— Sunanda Roy 👑 (@SaffronSunanda) July 11, 2025
रील में दिखा ‘वो लड़का’, पिता को नहीं था पसंद
इस बीच सोशल मीडिया पर राधिका की एक वायरल रील सामने आई है, जिसमें वह एक युवक के साथ बाइक पर बैठी है। युवक का नाम इमामुल हक बताया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, राधिका के पिता को बेटी का उसके साथ रील बनाना पसंद नहीं था।
कमाई के ताने और टेनिस एकेडमी का तनाव बना मौत की वजह?
दीपक ने पुलिस को बताया कि वह राधिका के कमाई से जुड़े तानों और उसकी टेनिस एकेडमी को लेकर लंबे समय से मानसिक तनाव में था। कई बार उसने उसे एकेडमी बंद करने को कहा, लेकिन राधिका तैयार नहीं हुई।
हत्या के बाद चाचा कुलदीप यादव उसे अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
पुलिस को अब भी चाहिए ‘बची हुई गोलियां’
कोर्ट ने दीपक यादव को 1 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है।
पुलिस अब उसकी लाइसेंसी रिवॉल्वर की बची हुई गोलियों की तलाश कर रही है, जो रेवाड़ी के कासन गांव की जमीन में छुपी हो सकती हैं।
गांव में मातम, सवाल सिर्फ एक – क्या कोई बाप ऐसा कर सकता है?
राधिका का अंतिम संस्कार गुरुग्राम के वजीराबाद गांव में किया गया।
भाई धीरज यादव ने मुखाग्नि दी। गांव में अब भी एक ही सवाल गूंज रहा है –