झारखंड की सियासत में नया मोड़…बाबूलाल मरांडी ने मंत्री हफीजुल हसन पर लगाया इस्लामिक एजेंडा चलाने का आरोप

New turn in Jharkhand politics... Babulal Marandi accused minister Hafizul Hasan of pursuing Islamic agenda

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत कैबिनेट के मंत्री हफीजुल हसन पर बड़ा हमला बोला है. दरअसल,  मंत्री का एक बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है जिसमें वो कहते नजर आ रहे है कि संविधान नहीं, शरीयत मायने रखता है.

वहीं इसे लेकर ही बाबूलाल मरांडी ने मंत्री हफ़ीजुल हसन को निशाने पर लिया है.

“मंत्री अब अपना इस्लामिक एजेंडा चला रहे हैं”

बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर वीडियो को साझा करते हुए लिखा कि मंत्री हफीजुल हसन के लिए संविधान नहीं, शरीयत मायने रखता है, क्योंकि ये अपने ‘लक्ष्य’ के प्रति स्पष्ट हैं और सिर्फ अपने कौम के प्रति वफादार.

चुनाव के समय इन्होंने गरीब, दलित, आदिवासियों के सामने हाथ जोड़कर वोट मांगा और अब अपना इस्लामिक एजेंडा चलाने की कोशिश कर रहे हैं.

हफ़ीजुल की यह कट्टर सोच पूरे प्रदेश विशेषकर संथाल परगना की सांस्कृतिक पहचान और आदिवासी अस्मिता के लिए खतरा बनती जा रही है. संवैधानिक पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति यदि कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देता है, तो वह न सिर्फ वर्तमान, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी खतरा उत्पन्न करता है.

“हफीजुल हसन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए”

इस विषय में राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर सभी पक्षों के नेताओं को आत्ममंथन करने की जरूरत है. शरीयत, बाबासाहब द्वारा रचित संविधान की मूल भावना के विपरीत है.

यदि राहुल गांधी और हेमंत सोरेन में संविधान के प्रति सच्ची आस्था है, तो उन्हें तुरंत हफ़ीजुल हसन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए.

इधर गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ने भी मंत्री हफीजुल हसन और कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि कांग्रेस तथा उनके सहयोगियों के लिए बाबा साहब अंबेडकर जी के संविधान का कोई मूल्य नहीं है.

यह हैं झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल अंसारी, इनके अनुसार पहले सरिया कानून यानी मुस्लिम संविधान फिर कोई संविधान. मीडिया कुछ नहीं बोलेगा क्योंकि यह इंडी गठबंधन कह रहा है.

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