झारखंड में नगर निकाय चुनाव की तेज़ हलचल…नए राज्य निर्वाचन आयुक्त ने संभाला जिम्मेदारी

Jharkhand's municipal body elections are in full swing...New State Election Commissioner takes charge

रांची। झारखंड में पिछले पांच वर्षों से लंबित नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया अब फिर से सक्रिय होने लगी है। राज्य में नए राज्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अलका तिवारी ने शुक्रवार को पदभार संभाला। इसी दिन उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शिष्टाचार मुलाकात भी की।

अलका तिवारी के कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही नगर निकाय चुनाव की तिथियों की घोषणा की संभावना बढ़ गई है। इस मौके पर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट औपचारिक रूप से नगर विकास विभाग को सौंप दी, जो ओबीसी आरक्षण से जुड़ी तकनीकी प्रक्रिया का हिस्सा थी। इसके पूरा होने से अब चुनाव आयोग जल्द ही चुनाव तिथियां घोषित कर सकता है।

गौरतलब है कि झारखंड के अधिकांश नगर निकायों के चुनाव वर्ष 2020 से लंबित हैं। मार्च-अप्रैल 2023 में निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद शहरी निकायों का संचालन प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ में रहा। इससे नागरिक सुविधाओं और जवाबदेही पर सवाल उठते रहे हैं।

राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद मार्च 2025 से खाली था। पूर्व आयुक्त डॉ. डीके तिवारी के कार्यकाल समाप्त होने के बाद करीब सात महीने तक यह पद रिक्त रहा। अब अलका तिवारी की नियुक्ति के साथ उम्मीद जगी है कि चुनावी प्रक्रिया में तेजी आएगी और झारखंड के शहरी निकायों को जल्द ही चुनी हुई सरकारें मिल सकेंगी।

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