रांची। चंपई सरकार को आने वाले दिनों में सियासी बवंडर का सामना करना पड़ सकता है। खबर है कि मंत्री पद को लेकर कांग्रेस में कलह शुरू हो गया है। विरोध और शिकायतों के बावजूद पुराने मंत्रियों को ही मंत्री पद दिये जाने से कांग्रेस के भीतर नाराजगी है। चर्चा है कि जल्द ही ये मामला दिल्ली पहुंचेगा और आला नेताओं के सामने नाराज विधायक अपनी बातों को कहेंगे। मंत्रिमंडल में जगह नहीं पाने से नाराज 11 विधायकों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर से मुलाकात की।

खबर है कि विधायकों ने उन्हें एक पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि चारों मंत्रियों को हटाया जाए। विधायकों ने ऐसा नहीं होने पर विधानसभा के बजट सत्र का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी में इस तरह से बगावत झारखंड में गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा सकता है। शुक्रवार को इसे लेकर उस वक्त हड़कंप मचा जब यह स्पष्ट हुआ कि सभी पुराने मंत्री इस बार भी शपथ ग्रहण करेंगे। विधायकों ने इसका विरोध आरंभ कर दिया।

नाराज चल रहे विधायकों में कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह, राजेश कच्छप, इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला, रामचन्द्र सिंह, नमन विक्सल कोनगाड़ी, दीपिका पांडेय सिंह, अंबा प्रसाद, सोनाराम सिंकू, शिल्पी नेहा तिर्की, भूषण बाड़ा शामिल हैं। जानकारी ये भी है कि कांग्रेस के विधायक झारखंड से कूच कर सकते हैं। हेमंत के सामने आंसू बहाने वाले इरफान को भी आंसू का इनाम नहीं मिला।

कांग्रेस विधायकों का कहना है उन्हें भले मंत्री ना बनाया जाये, लेकिन पुराने चारों मंत्रियों को बदला जाना चाहिये। विधायकों का कहना है कि मंत्रियों का प्रदर्शन बहुत लचर रहा है। अगर बदलाव नहीं हुआ तो आगामी चुनावों में पार्टी को काफी नुकसान होगा। इन विधायकों ने एकजुटता बनाए रखने के लिए कई दौर की बैठकें की है। इन बैठकों में चार मंत्रियों के अलावा विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव को छोड़ सारे उपस्थित रहे। फिलहाल विधायकों की गतिविधियों पर पार्टी नेतृत्व की नजर है।

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