जरूरी खबर: वोटरों को अब पहचाना जायेगा अब स्पेशल नंबर से, चुनाव आयोग देगा यूनिक आईडी नबर, देश में कही भी दे सकेंगे वोट…
Important news: Voters will now be identified by special numbers, Election Commission will give unique ID number, you can vote anywhere in the country...

Election Commission: इलेक्शन वोटर आईडी कार्ड को लेकर एक बड़ी पहल करने जा रही है। जल्द ही मतदाताओं को एक यूनिक आईडी कार्ड मिलेगा, उसी के आधार पर वो अपनी सहुलियत में देश में कहीं भी अपना वोटर आईडी कार्ड में नाम जोड़ सकेंगे।
देश में मतदाताओं की पहचान को और सटीक और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग जल्द ही सभी मतदाताओं को एक अनूठे मतदाता फोटो पहचान पत्र (यूनिक इपिक) से लैस करने की तैयारी पूरी हो गयी है। मतदाताओं को आधार की तरह एक विशिष्ट नंबर दिया जाएगा, जो उनके एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होने पर भी नहीं बदलेगा।
जब तक व्यक्ति मतदाता रहेगा, तब तक वह इसी यूनिक इपिक नंबर से पहचाना जाएगा।अब तक मतदाताओं के पास एक इपिक नंबर तो होता है, लेकिन यह नंबर पूरी तरह से विशिष्ट नहीं है। विभिन्न राज्यों ने इसे अपने-अपने स्तर पर अलग-अलग पैटर्न पर जारी किया है। मतदाता सूची में बार-बार होने वाली गड़बड़ियों को दूर करने के लिए चुनाव आयोग ने यह बड़ा कदम उठाया है।
चुनाव आयोग की तैयारियां जोरों पर
हरियाणा, महाराष्ट्र और हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची में गड़बड़ियों के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, जांच में इनमें से ज्यादातर शिकायतें गलत पाई गईं और आयोग ने उन्हें खारिज कर दिया। इसके बावजूद, आयोग ने यूनिक इपिक नंबर की योजना पर काम तेज कर दिया है।
आने वाले कुछ महीनों में इस योजना को पूरे देश में लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वर्तमान में देश में 99 करोड़ से अधिक मतदाता हैं, जिन तक यह यूनिक इपिक नंबर पहुंचाने में दो से तीन साल का समय लग सकता है।
कहीं भी स्थानांतरण पर नहीं होगी दिक्कत
इस नए सिस्टम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होने वाले मतदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी। नए पते पर जाते ही उनका नाम उसी यूनिक इपिक नंबर के माध्यम से नई मतदाता सूची में जुड़ जाएगा, और उनके पिछले पते से स्वत: नाम हट जाएगा।
फिलहाल, जब मतदाता अपने नए पते पर नाम दर्ज कराते हैं, तो पुराने पते से नाम हटाने की प्रक्रिया में लापरवाही होती है। इससे मतदाता सूची में दोहराव की समस्या पैदा होती है, जिसे राजनीतिक दल चुनावी मुद्दा बनाते हैं। यूनिक इपिक नंबर इस समस्या को हमेशा के लिए खत्म कर देगा।
इपिक नंबरों की एकरूपता पर लगेगी रोक
यूनिक इपिक नंबर लागू होने के बाद पश्चिम बंगाल, गुजरात, हरियाणा जैसे राज्यों में एक जैसे इपिक नंबरों की समस्या भी खत्म हो जाएगी। अभी तक कई राज्यों में एक जैसी इपिक नंबर सीरीज जारी रही है, जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती थी।
हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। आयोग ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया था कि समान इपिक नंबर होने का अर्थ फर्जी मतदाता नहीं है। यूनिक इपिक नंबर लागू होने के बाद यह समस्या भी पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।देश में पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया और त्रुटिहीन मतदाता सूची की दिशा में यह कदम एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होगा।