NEET EXAM SCAM : मेडिकल कालेजों में दाखिले के लिए ली जाने वाली NEET की परीक्षा में बड़े फर्जीवाड़े की शिकायत हुई है। इसमें पूरे देश से करीब 24 लाख से ज्यादा कैंडिडेट शामिल हुए। बिहार में NEET की परीक्षा में सॉल्वर गैंग के 18 लोग गिरफ्तार हुए हैं। ये दूसरे के बदले परीक्षा दे रहे थे। पटना पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 3 मेडिकल स्टूडेंट हैं। वहीं, पूर्णिया से भी 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। सभी मेडिकल स्टूडेंट हैं। इसको साथ ही गोपालगंज पुलिस ने भी एक छात्र को गिरफ्तार किया है।

नीट पेपर में गड़बड़ी के आरोप में पटना के शास्त्रीनगर थाना में कांड सं0-358/24 दर्ज किया गया है। पूर्णिया से पकड़े गए डमी कैंडिडेट राजस्थान के जालौर, भोजपुर, बेगूसराय और सीतामढ़ी के हैं।बिहार-झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत सामने आयी है। राजस्थान में एक मुन्नाभाई पकड़ा गया है। MBBS का स्टूडेंट अपने भाई को डाक्टर बनाने के लिए परीक्षा में बैठा था। बाड़मेर में मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले एक युवक को अपने भाई के बदले परीक्षा देते हुए पकड़ा गया है।

भाई के बदले दे रहा था परीक्षा
बाड़मेर जिला मुख्यालय में एक सरकारी स्कूल में फर्जी अभ्यर्थी भागीरथ अपने भाई की जगह एग्जाम दे रहा था. संदेह के आधार पर वीक्षक ने पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पुलिस ने पहले फर्जी अभ्यर्थी और फिर बाद में उसके भाई को भी गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल, पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक बाड़मेर जिला मुख्यालय के 8 परीक्षा सेंटरों में से एक अंतरी देवी स्कूल में वीक्षक को भागीरथ नाम के युवक पर संदेह हुआ. वीक्षक ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने भागीरथ राम नामक अभ्यर्थी को पकड़ लिया और पूछताछ की तो सामने आया कि भागीरथ अपने छोटे भाई गोपाल राम की जगह डमी अभ्यर्थी बनकर फर्जी तरीके से परीक्षा दे रहा था. कोतवाली पुलिस ने एग्जाम सेंटर से पहले भागीरथ और उसके बाद उसके भाई गोपाल राम को गिरफ्तार कर लिया. दोनों भाई सांचौर जिले के मेघावा गांव के निवासी हैं. फिलहाल, पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है.

इधर, पूर्णिया में नीट की परीक्षा के दौरान पेपर लिखते हुए 4 मुन्ना भाई पकड़े गए हैं। ये डमी कैंडिडेट दूसरे की जगह परीक्षा दे रहे थे। डील 20 लाख में तय हुई थी। पेपर पूरी होने के बाद प्रति कैंडिडेट को 5 लाख मिलने थे।पकड़े गए परीक्षार्थी से रविवार की रात से ही पूछताछ जारी है। पकड़े गए डमी कैंडिडेट राजस्थान के जालौर, बिहार के भोजपुर, बेगूसराय और सीतामढ़ी के हैं। ये सभी मेडिकल स्टूडेंट्स बताए जा रहे हैं। सभी परीक्षार्थी को शहर के मधुबनी टीओपी थाना के SRDAC स्कूल के एग्जाम सेंटर से दबोचा गया है।
पकड़े गए डमी कैंडिडेट में राजस्थान के जालौर के सांचौर थाना के खाका राम गांव निवासी कमलेश कुमार के रूप में हुई है। कमलेश अभ्यर्थी धीरज प्रकाश की जगह परीक्षा का पेपर लिख रहा था। वहीं, दूसरे की पहचान भोजपुर के बिहियां गांव के वार्ड 2 निवासी धर्मपाल सिंह के बेटे नीतीश कुमार के रूप में हुई है। नीतीश अभ्यर्थी आशीष की जगह एग्जाम दे रहा था।

तीसरे की पहचान बेगूसराय के मटिहानी थाना के रामदेरी गांव टोला नकती वार्ड 6 निवासी विजय गुप्ता के बेटे सौरभ कुमार के रूप में हुई है। सौरभ अभ्यर्थी तथागत कुमार की जगह पेपर दे रहा था। वहीं, चौथे की पहचान सीतामढ़ी के चौरोथ थाना के बड़ी बिहटा गांव के वार्ड 4 निवासी नील रंजन चौधरी के बेटे मयंक चौधरी उर्फ कृष्णा कुमार के रूप में हुई है। मयंक दीपक कुमार की जगह परीक्षा दे रहा था। सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है।

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