mumbai blast case: Tiger Memon की संपत्ति केंद्र को सौंपे…32 साल बाद कोर्ट का बड़ा फैसला..संपत्तियों की सूची

mumbai blast case: यह जानकारी 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों से जुड़े एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम को दर्शाती है। टाइगर मेमन, जो इन धमाकों के कथित मास्टरमाइंड में से एक हैं, की संपत्तियों को केंद्र सरकार को सौंपने का आदेश मुंबई की विशेष अदालत ने दिया है। इन संपत्तियों में बांद्रा, माहिम, मोहम्मद अली रोड, सांताक्रूज़, कुर्ला, और शेख मेमन स्ट्रीट पर विभिन्न स्थानों और इमारतों का समावेश है। यह संपत्तियां टाडा अदालत के आदेश पर 1994 से बॉम्बे हाई कोर्ट के रिसीवर की हिरासत में थीं, और अब इन्हें केंद्र सरकार के हवाले किया जा रहा है।
यह कदम इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। टाइगर मेमन का नाम इस मामले में प्रमुख रूप से लिया जाता है, और उनके खिलाफ लंबी कानूनी कार्रवाई चल रही है।
mumbai blast case:आतंकवादी और विध्वंसकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम-1987 (टाडा) अदालत के आदेश के बाद ये संपत्तियां 1994 से बंबई उच्च न्यायालय के ‘रिसीवर’ के कब्जे में थीं। मेमन की 14 संपत्तियों में बांद्रा (पश्चिम) की एक इमारत में एक फ्लैट, माहिम में एक कार्यालय परिसर, माहिम में एक भूखंड, सांताक्रूज (पूर्व) में एक भूखंड और एक फ्लैट, कुर्ला की एक इमारत में दो फ्लैट, मोहम्मद अली रोड पर एक कार्यालय, डोंगरी में एक दुकान और भूखंड, मनीष मार्केट में तीन दुकानें और मुंबई की शेख मेमन स्ट्रीट पर स्थित एक इमारत शामिल है।
मुंबई के विभिन्न हिस्सों में 12 मार्च 1993 को हुए सिलसिलेवार 13 बम धमाकों में 257 लोगों की जान चली गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। पिछले सप्ताह 26 मार्च को पारित एक आदेश में विशेष टाडा अदालत के न्यायाधीश वी.डी. केदार ने कहा, ‘अचल संपत्तियों का कब्जा केंद्र सरकार को सौंप दिया जाना चाहिए।’
mumbai blast case:आदेश में कहा गया कि केंद्र को सौंपी जाने वाली संपत्तियां ”ऋणभार से मुक्त” हैं और इस तरह ”सक्षम प्राधिकारी के माध्यम से केंद्र सरकार 14 अचल संपत्तियों पर कब्जा पाने की हकदार है।” तस्कर और विदेशी मुद्रा छलसाधक (संपत्ति समपहरण) अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकारी ने संपत्तियों को छोड़ने की मांग की थी।
mumbai blast case:याचिका में कहा गया कि उपरोक्त अधिनियम का कार्य विदेशी मुद्रा छलसाधक और मादक पदार्थों के तस्करों की अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों का पता लगाना और केंद्र सरकार को उन्हें जब्त करने का आदेश देना है। सीबीआई के अनुसार, 1993 के धमाकों की साजिश कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने आईएसआई के इशारे पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने अपने गुर्गे टाइगर मेमन और मोहम्मद दोसा की मदद से रची थी। दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेमन अब भी वांछित आरोपी हैं। टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन को इस मामले में दोषी ठहराया गया था और 2015 में उसे मृत्युदंड दिया गया था।
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