कोलकाता। पश्चिम बंगाल में एक मां की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है। मां ने अपने बेटे के साथ 12वीं बोर्ड की परीक्षा दी, लेकिन जब रिजल्ट आया तो मां ने अपने बेटे को नंबर के मामले में पीछे छोड़ दिया। दरअसल पिछले दिनों पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद (West Bengal Council of Higher Secondary Education) ने उच्च माध्यमिक यानि 12th बोर्ड्स के रिज़ल्ट घोषित किया। 12वीं में 89.25% छात्र पास हुए। इस परीक्षा ने एक मां ने अपने बेटे के साथ परीक्षा दी थी। रिजल्ट में मां-बेटे दोनों पास हुए हैं, लेकिन मां का नंबर बेटे से ज्यादा है। मां को 40 नंबर ज़्यादा अपने बेटे से आया है।

पश्चिम बंगाल के शांतिपुर के मां-बेटे की जोड़ी ने उच्च माध्यमिक यानि 12वीं की परीक्षा पास की है। 38 साल की लतिका मंडल ने 500 में 324 नंबर पाए, वहीं उसके बेटे ने सौरव को 284 नंबर मिले। लतिका ने कहा कि अगर उसके बेटे को उससे ज़्यादा नंबर आते तो उसे ज़्यादा खुशी होती। वहीं सौरव का कहना था कि हर कोई उसकी मां की तारीफ़ कर रहा है और यही उसकी असली जीत है।

दरअसल लतिका मंडल को छठी के बाद पढ़ाई-लिखाई छोड़नी पड़ी थी। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और इसी वजह से न चाहते हुए भी लतिका को स्कूल छोड़ना पड़ा। गौरतलब है कि लतिका के अंदर आगे पढ़ने की इच्छा हमेशा से थी। 20 साल पहले लतिका की शादी हो गई। उसके पति दिहाड़ी मज़दूर हैं। घर-परिवार और बच्चों को संभालते हुए लतिका ने एक पड़ोसी की मदद से रबींद्र मुक्त विद्यालय में दाखिला लिया। 2020 में लतिका ने अपनी बेटी के साथ अच्छे नंबर्स से 10वीं पास की थी।

2021 में लतिका ने नरसिंहपुर हाई स्कूल में कक्षा 11वीं में आर्ट्स स्ट्रीम में दाखिला लिया।वहीं सौरव ने पूर्व बर्धमान के कालना महाराज हाई स्कूल में आर्ट्स स्ट्रीम में ही प्रवेश लिया। इस साल मां-बेटे की जोड़ी ने 12वीं पास कर ली। लतिका ने मीडिया से बात-चीत में कहा कि वो ग्रैजुएशन करना चाहती हैं। सौरव का कहना था कि उसे कॉलेज खत्म करके सरकारी नौकरी की तैयारी करनी है।

गुजरात में पिता पुत्र ने दिया बोर्ड एग्जाम
उधर, गुजरात के अहमदाबाद में भी एक पिता-पुत्र की जोड़ी ने बोर्ड परीक्षा में कमाल किया है। दोनों ने एकसाथ 10वीं बोर्ड पास किया है। द्वारकादास परमानंद हाइअर सेकेंडरी स्कूल, नवा वादज के दोनों छात्रों ने SSC पास कर लिया। पेशे से चपरासी वीरभद्र सिंह सिसोदिया ने अपने बेटे युवराज सिंह के साथ बोर्ड्स पास किया. रिज़ल्ट आने के बाद दोनों के चेहरों पर मुस्कान दौड़ गई। अपने बेटे युवराज को 10वीं की तैयारी करता देखकर वीरभद्र को भी दोबारा परीक्षा देने की प्रेरणा मिली. स्कूल के स्टाफ़ ने भी उनकी मदद की और एक्स्ट्रा क्लासेज़ दिए. युवराज अपने पिता को रोज़ अपने साथ पढ़ाता। दोनों की मेहनत रंग लाई। युवराज ने 79% अंक हासिल किए वहीं वीरभद्र को 45% आए।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...