Monsoon Special: वो कचौड़ी जो महज एक बाइट में दिल जीत ले… घर पर बनाएं ऐसा स्वाद कि मेहमान पूछ बैठें – होटल से मंगाई क्या?

Monsoon Special: बारिश हो और कुछ चटपटा ना मिले तो लगता है जैसे मौसम अधूरा रह गया। अगर आप भी चाय के साथ पकौड़ों की रूटीन से ऊब चुके हैं, तो इस बार मॉनसून में कुछ नया और लाजवाब ट्राई कीजिए—जयपुर की मशहूर प्याज कचौड़ी

राजस्थान के जयपुर, कोटा और जोधपुर में ये कचौड़ी इतनी लोकप्रिय है कि वहां की हर गली में इसकी खुशबू बसी है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है—मसालेदार प्याज वाली स्टफिंग और बेहद खस्ता परत जो पहली बाइट में ही दिल जीत लेती है।

अब आप इस स्ट्रीट फेवरेट को घर पर आसानी से बना सकते हैं, वो भी एकदम होटल वाले स्वाद के साथ।
यहां जानिए इसकी असली रेसिपी, जिससे आपकी बारिश की शाम और भी खास हो जाएगी

Monsoon Special: सामग्री:

आटा बनाने के लिए:

  • मैदा – 2 कप

  • घी/तेल – 4 बड़े चम्मच (मोयन के लिए)

  • नमक – ½ छोटी चम्मच

  • पानी – जरूरत अनुसार

भरावन (स्टफिंग) के लिए:

  • प्याज – 3 (बारीक कटे हुए)

  • सौंफ, धनिया पाउडर, अमचूर, लाल मिर्च, जीरा – ½-1 छोटी चम्मच

  • अदरक-लहसुन पेस्ट – 1 छोटी चम्मच

  • हरी मिर्च – बारीक कटी

  • बेसन – 2 बड़े चम्मच

  • नमक – स्वाद अनुसार

  • तेल – 1 बड़ा चम्मच

Monsoon Special: बनाने की विधि:

1. आटा तैयार करें:
मैदा में नमक और घी मिलाकर रवा जैसा मिश्रण बनाएं। फिर धीरे-धीरे पानी डालते हुए नरम आटा गूंथ लें और 20-30 मिनट के लिए ढककर रख दें।

2. स्टफिंग तैयार करें:
कड़ाही में तेल गरम करें। उसमें जीरा, सौंफ और अदरक-लहसुन पेस्ट डालें। फिर प्याज डालकर सुनहरा भूनें। बेसन और मसाले डालकर तब तक भूनें जब तक स्टफिंग सूखी और खुशबूदार न हो जाए।

3. कचौड़ी बनाएं:
छोटी-छोटी लोइयां बनाएं, बेलें, स्टफिंग भरें, फिर गोल आकार दें। धीमी आंच पर तेल में सुनहरा और क्रिस्पी होने तक तलें।

4. परोसें:
इसे हरी धनिया चटनी या इमली की चटनी के साथ गरमा-गरम परोसें। चाय के साथ इसका स्वाद और भी लाजवाब हो जाता है।

स्पेशल टिप्स:

  • मोयन की मात्रा बिल्कुल परफेक्ट होनी चाहिए, तभी कचौड़ी खस्ता बनेगी।

  • स्टफिंग को ठंडा करके ही भरें, नहीं तो कचौड़ी फट सकती है।

  • धीमी आंच पर तलना न भूलें—यही इसकी क्रिस्पीनेस का राज है।

Monsoon Special: नतीजा?

बारिश में अब पकौड़े नहीं, प्याज कचौड़ी से बनाएं शाम खास। यकीन मानिए, जो एक बार खाएगा, पूछे बिना नहीं रह पाएगा—“ये बाहर से मंगवाई है क्या?”

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