रांची। झारखंड विधान सभा मानसून सत्र 29 जुलाई से शुरू होगा। वैसे तो मानसून सत्र छोटा है, लेकिन सत्र काफी हंगामेदार होने के आसार बन रहे हैं। कुल 6 कार्य दिवस वाले इस सत्र में राज्य सरकार ने एंटी मॉब लिंचिंग बिल और राज्य में जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक लाने की तैयारी में हैं। यह दोनों विधेयक विधानसभा ने पहले ही पारित किए थे। लेकिन इनके हिंदी अंग्रेजी अनुवाद में भिन्नता की वजह से राज्यपाल ने इन्हें बगैर हस्ताक्षर के वापस कर दिया था।

सत्र की तैयारियों को लेकर स्पीकर की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राज्य में उत्पन्न हुई सुखाड़ की स्थिति पर भी विशेष चर्चा कराने को लेकर सहमति बनी है। राज्य सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए अनुपूरक बजट भी पेश करेगी। प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने सत्र के दौरान राज्य में अवैध माइनिंग, राज्य में महिला सब इंस्पेक्टर की हत्या, सरकारी स्कूलों में रविवार के बदले शुक्रवार की छुट्टी जैसे मुद्दों पर सरकार की घेराबंदी करने की रणनीति तैयार की है।

विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने राज्य के सभी वरीय पदाधिकारियों को सदन के अधिकारी दीर्घा में मौजूद रहने का निर्देश दिया है। राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि विभागों के अधिकारियों को सत्र के दौरान मौजूदगी सुनिश्चित कराएं ताकि सरकार की ओर से सदस्यों के सवालों के जवाब समुचित तरीके से दिया जा सके। उन्होंने सरकार के विभागों को भी कहा है कि किसी भी विधेयक को सदन पटल पर रखने से पहले उसकी भाषा में किसी तरह का त्रुटि न हो इसका विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है।

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