बैंग्लुरू । कर्नाटक के बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हाल ही में भ्रष्टाचार के एक मामले में उनकी जमानत रद्द हो गई थी. उनके बेटे प्रशांत मदल को पिछले महीने कथित रूप से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के बाद मामले में विधायक को मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया था. बताते चलें कि इस महीने की शुरुआत में, जमानत मिलने के बाद विधायक का उनके गृह नगर में जोरदार स्वागत किया गया था।

प्रशांत को उनके पिता के बेंगलुरु के दफ्तर कर्नाटक सोप एंड डिटर्जेंट लिमिटेड (KSDL) से गिरफ्तार किया गया था, जहां वो रिश्वत ले रहे थे. लोकायुक्त पुलिस के अनुसार, प्रशांत ने घूस के तौर पर 80 लाख रुपये की मांग की थी. प्रशांत के पिता कर्नाटक के दावणगेरे जिले के चन्नारगिरी से विधायक और केएसडीएल के चेयरमैन हैं. कर्नाटक प्रशासनिक सेवा के 2008 बैच के अधिकारी प्रशांत को साबुन और अन्य डिटर्जेंट बनाने के लिए आवश्यक कच्चे माल को खरीदने की डील के लिए एक ठेकेदार से घूस लेते हुए पकड़ा गया था.

मदल विरुपक्षप्पा लगातार दो बार दावणगेरे जिले के चन्नागिरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपने हलफनामे में 5.73 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया था। 2013 के चुनावों में, उन्होंने 1.79 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी।
सूत्रों ने बताया कि विरुपक्षप्पा के बेटे के नकदी के साथ पकड़े जाने के बाद की गई छापेमारी में विरुपक्षप्पा के घर से 8.23 करोड़ रुपये की बिना हिसाब की रकम का पता चला. लोकायुक्त के पुलिस महानिरीक्षक ए. सुब्रमण्येश्वर राव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘जब वह (विधायक) बेंगलुरु जा रहे थे, तब हमने उन्हें तुमकुरु में गिरफ्तार किया.’

उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामला सरकारी कंपनी को रसायनों की आपूर्ति का ठेका आवंटित करने के लिए कथित रूप से रिश्वत मांगने और प्राप्त करने से जुड़ा है. इसके बाद लोकायुक्त के छापे में 8.23 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई. न्यायमूर्ति के. नटराजन ने चन्नागिरी विधायक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

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