जमशेदपुर । ओलचिकी लिपि हुल बैसी के बैनर तले अपनी विभिन्न मांगो को लेकर बुलाए गए झारखंड बंद का ग्रामीण क्षेत्र में व्यापक असर पड़ा। बहारागोड़ा प्रखंड के मानुषमुड़िया समेत ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही बंद समर्थक पारंपरिक परिधान व पारंपरिक हथियार में जोरदार प्रदर्शन किया।

संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा दर्जा देने, संथाली शिक्षकों बहाली करने, संथाली भाषा के पुस्तकों को ओलचिकी लिपि भाषा में विमोचन करने, मुख्य मांगो के लेकर ओलचिकी लिपि हुल बैसी के बैनर तले बंद समर्थक पहुंचे।

झारखंड बंद का नजारा

पूरे पारंपरिक परिधान व पारंपरिक हथियार के साथ सड़क पर उतर कर झारखंड सरकार के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए सुबह से मानुषमुड़िया बाजार को बंद कर दिया।

आंदोलन को नेतृत्व करते हुए कालापाथर पंचायत के मुखिया शिव चरण हांसदा ने कहा झारखंड सरकार द्वारा उनकी मांगो को अनदेखी की जा रही है सरकार को पहले से ही हमलोगों ने अपनी मांगो को अवगत करा दिया है ।अपनी मांगे पूरी नही होने पर हमलोगों ने बाध्य होकर आज सड़क पर उतर कर हम सभी अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं।

मौके पर धनेश्वर मुर्मू, विधान चंद्र मांडी, सीलू मुर्मू, जितेंद्रनाथ टुडू, रोबिन मुर्मू, दीपक सोरेन,राम मुर्मू, नकुल टुडू, किरण टुडू, नारायण किस्कू, सिमल मुर्मू, समाय बास्के, गोपबंधु किस्कू, कन्हाईलाल मुर्मू आदि।।

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