धनबाद लुगू बुरु ओल चिकी इतुन आसड़ा
तिलैया(ललपनिया) द्वारा संचालित धनबाद जिला अंतर्गत बलियापुर प्रखंड के 03 ओल चिकी आसड़ा(संताली ओल चिकी स्कूल):—

01.अकिल मार्शाल ओल चिकी इतुन आसड़ा
घोंघाबाद(कोदाकुल्ही),बलियापुर,धनबाद

02.पोंडेत रघुनाथ मुर्मू ओल चिकी इतुन आसड़ा
घोंघाबाद,बलियापुर,धनबाद

03.चिरगल ओल चिकी इतुन आसड़ा
घड़बड़(आदिवासी टोला),बलियापुर,धनबाद
के ओल चिकी शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा 05 गांवों में प्रभात-फेरी निकालकर ओल चिकी जागरूकता अभियान चलाया गया।

जागरूकता अभियान का नेतृत्व लुगू बुरु ओल चिकी इतुन आसड़ा के धनबाद जिला प्रभारी रमेश सोरेन एवं बलियापुर प्रखंड के प्रखंड प्रभारी सहदेव मुर्मू द्वारा संयुक्त रुप से किया गया। जिसमें मुख्य रुप से लुगू बुरु ओल चिकी इतुन आसड़ा के आसड़ा अध्यक्ष राम कुमार सोरेन शामिल हुए।

क्या है ओल चिकी

राम कुमार सोरेन(आसड़ा अध्यक्ष) ने बताया की 1925 ई0 में ओल चिकी लिपि का आविष्कार पंडित रघुनाथ मुर्मू ने किया। 2025 में 100 वर्ष पूरे होने को हैं। इसी के मद्देनजर मिशन ओल 2025 रखा गया है, जिसके तहत घर-घर तक ओल चिकी शिक्षा पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

लुगू बुरु ओल चिकी इतुन आसड़ा तिलैया (ललपनिया) द्वारा ओल चिकी जागरुकता अभियान चलाकर प्रचार-प्रसार एवं गांव-गांव ओल चिकी आसड़ा (संताली ओल चिकी स्कूल) खोलकर ओल चिकी शिक्षा का अलख जगाने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में बोकारो, हजारीबाग, रामगढ़,
गिरिडीह, धनबाद, जामताड़ा, जमशेदपुर के 300 ओल चिकी शिक्षक-शिक्षिकाएं अपनी नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं।
ओल चिकी जागरुकता अभियान से और अधिक संख्या में लोग जुड़ते जा रहे हैं। युवक-युवतियां, महिला-पुरुष, बुजुर्ग-बच्चे सभी समान रुप से जुड़ रहे हैं जिससे अभियान को और अधिक बल मिल रहा है।

अभियान में सम्मिलित ओल चिकी शिक्षक-शिक्षिकाएं

01.अजित हांसदा 02.फूलचंद टुडू 03.फूलन टुडू 04.किशुन मुर्मू 05.सोन कुमारी मुर्मू एवम अन्य शामिल हुए।

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