रांची। झारखंड के पारा शिक्षकों का सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन अब तक पूरा नहीं हो पायी है। अब खबर है कि वैरिफिकेशन की मियाद में राज्य सरकार बढ़ोत्तरी कर सकती है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 61 हजार सहायक प्राध्यापक तैनात हैं, जिनमें से 50 हजार प्राध्यापक का दस्तावेजों का सत्यापन हो चुका है, जबकि 11 हजार दस्तावेज अभी भी सत्यापित नहीं हो सके हैं।

हालांकि विभाग ने 15 दिन सत्यापन की तारीख बढ़ाने के लिए शिक्षा मंत्री को प्रस्ताव भेजा है, जिसे लेकर मंत्री की मंजूरी का इंतजार चल रहा है। इससे पहले जो दस्तावेज सत्यापित हुए थे, उसमें 260 से ज्यादा पारा शिक्षकों ने अपनी नौकरी खुद छोड़ दी है। ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि उनके सर्टिफिकेट फर्जी होने वजह से उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। वहीं, शिक्षा विभाग वैसे पारा शिक्षक जिनके सर्टिफिकेट जांच के दौरान फर्जी पाए गए, उन्हें भी चिह्नित कर रही है।

जिस तरह की लेट लतीफी चल रही है, उससे एक बात तो साफ है कि पारा शिक्षकों के मानदेय में 10 फीसदी बढ़ोतरी के लिए आकलन परीक्षा अब फरवरी-मार्च में ही हो सकेगा। जिन पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच हुई है, वही उसके लिए आवेदन कर पा रहे हैं। 11 हजार पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच के लिए समय दिए जाने के बाद आकलन परीक्षा के लिए आवेदन के लिए भी 15 दिन का समय दिया जा सकेगा।

इसके बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल मैट्रिक व इंटर की परीक्षा से पहले फरवरी में पहली आकलन परीक्षा ले सकेगी। जिन पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच पूरी हो गई है और प्रशासनिक सह अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा उनकी संतोषप्रद सेवा की संपुष्टि कर दी गई है, एक जनवरी के प्रभाव से उनके मानदेय में चार फीसदी की वार्षिक बढ़ोतरी की जाएगी। पारा शिक्षकों के मानदेय में चार फीसदी की वार्षिक बढ़ोतरी पहली बार होगी।

सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन पहले सितंबर में ही पूरा होना था, लेकिन लगातार उसमें देरी होती चली गयी। जांच पूरी नहीं हुई तो पारा शिक्षकों के मानदेय पर रोक लगा दी गई। बाद में 31 दिसंबर तक जांच प्रक्रिया पूरी करने और इस दौरान किसी प्रकार मानदेय में रोक नहीं लगाने का निर्देश दिया गया, लेकिन अभी भी 11 हजार दस्तावेज सत्यापित नहीं हो सके हैं। अधिकांश के प्रमाणपत्र जांच के लिए विभिन्न विश्वविद्यालय, बोर्ड और संस्थानों में गए हुए हैं। पिछले एक सप्ताह से विश्वविद्यालयों में अवकाश की वजह से जांच रिपोर्ट नहीं आ सकी है।

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