नयी दिल्ली। दिल्ली से एक बड़ी खबर आ रही है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की सांसदी खत्म कर दी गयी है। महुआ के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर लोकसभा में एथिक्स कमेटी ने रिपोर्ट पेश कर दी। रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई थी।

साथ ही रिपोर्ट में महुआ के खिलाफ आरोपों को गंभीर बताया गया है और कार्रवाई की मांग की गई है. रिपोर्ट पेश होने के बाद संसद में विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया और नारे लगाए। हंगामे को देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने इस पर चर्चा के लिए समय दिया।

दोपहर 2 बजे से एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान कांग्रेस सांसद ने पूछा कि महुआ मोइत्रा पर एक्शन की इतनी जल्दी क्या है? कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, महुआ को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए. कमेटी ये कैसे तय कर सकती है कि सांसद को क्या सजा दी जाए. इसका फैसला सदन करेगा. ये न्याय के अधिकार के खिलाफ है।

मनीष तिवारी की आपत्ति पर ओम बिरला ने कहा, ये सदन है, कोर्ट नहीं है. न ही मैं न्यायाधीश हूं, मैं लोकसभा स्पीकर हूं।बीजेपी सांसद हिना गावित ने कहा, महुआ ने पैसे लेकर सवाल पूछे. महुआ को अपनी बात रखने का पूरा मौका मिला. मैंने 2 घंटे में पूरी रिपोर्ट पढ़ी. महुआ ने माना है कि उन्होंने अपनी आईडी दिया. हीरानंदानी के बयान दर्ज किए गए हैं. इस घटना की वजह से पूरे सदन और सांसदों की छवि देश और दुनियाभर में खराब हुई है. कोई द्रौपदी का चीरहरण कर रहा है, अलग अलग देवियों का नाम लिया जा रहा है. हम सांसद के नाते यहां बैठते हैं, हम अपने संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधि बैठते हैं, उनसे जुड़े सवाल करते हैं. न कि किसी प्राइवेट व्यक्ति से जुड़ा सवाल करने आते है।

उन्होंने कहा, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, 2005 में भी जिस दिन रिपोर्ट आई थी, उसी दिन 10 सांसदों को निष्कासित कर दिया गया था. बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी ने कहा, इसी सदन में पश्चिम बंगाल के सोमनाथ चटर्जी जब स्पीकर थे, तब 10 सांसदों को सदन से निष्कासित किया गया था. जब उनसे पूछा गया कि सांसदों को समय नहीं दिया गया, तब उन्होंने कहा था कि सभी सांसदों को एथिक्स कमेटी के सामने बात रखने का समय दिया गया था।

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