Mahakumbh 2025: प्रयागराज के संगम तट पर भगदड़, देखिए पूरी घटनाक्रम

Mahakumbh 2025: प्रयागराज के संगम तट पर भगदड़, 

मौत और घायल होने वालों का आधिकारिक आंकड़ाप्रशासन की ओर से अभी तक मृतकों और घायलों की आधिकारिक संख्या नहीं बताई गई है, लेकिन घटनास्थल और अस्पतालों से मिल रही रिपोर्ट्स से सही जानकारी का इंतजार है।

 

करीब 50 लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है।

जब रेस्क्यू टीम शवों को ले जाने लगी तो कई परिजन दौड़कर उन्हें रोकने लगे, उनके हाथ पकड़कर रोने लगे। कुछ तो स्ट्रेचर पर रखी लाश का हाथ पकड़कर साथ दौड़ पड़े, जैसे उन्हें छोड़ना ही नहीं चाहते थे।

 

सभी को अपनों की तलाश

घटनास्थल पर कई लोगों को अपनों की तलाश में रोते-बिलखते देखा गया। भगदड़ के बाद कोई अपनी बहन को खोज रहा था,

 

प्रशासन की लचर व्यवस्था

इस भयानक हादसे के बावजूद प्रशासन की ओर से तुरंत कोई स्पष्ट बयान नहीं आया। मृतकों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई, जिससे पीड़ित परिवारों में और ज्यादा गुस्सा और बेचैनी बढ़ गई। राहत और बचाव कार्यों में भी देरी देखने को मिली, जिससे घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाने में दिक्कत हुई।

सेना और पुलिस की तैनाती

हादसे के बाद सेना और पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। जवानों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ और अव्यवस्था के कारण काफी परेशानी हुई। स्ट्रेचर और एंबुलेंस की व्यवस्था सीमित थी।

 

अपनों को खो चुके लोगों की बेबसी

 

भगदड़ के पीछे की वजह क्या थी?
अभी तक भगदड़ के पीछे की असली वजह का खुलासा नहीं हुआ है। कुछ लोगों का कहना है कि भीड़ अचानक अनियंत्रित हो गई, जबकि कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि किसी अफवाह के कारण ऐसा हुआ।

 

भगदड़ के कारण मेले में अफरा-तफरी
हादसे के बाद संगम क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे, कई लोग जालियां तोड़कर बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। भीड़ के कारण कुछ लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई, और कुछ लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े।

साधु-संत भी लौटने को मजबूर
इस हादसे का असर संगम स्नान पर भी पड़ा। कई साधु-संत जो मौनी अमावस्या के स्नान के लिए आए थे, बिना डुबकी लगाए ही वापस लौट गए। पंचायती अखाड़े के संतों ने संगम तट पर जाने से इनकार कर दिया और अपने शिविरों की ओर लौट गए।

 

 

 

हादसे के बाद मेला प्रशासन पर सवाल
इस हादसे के बाद प्रयागराज महाकुंभ के प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इतनी बड़ी भीड़ के प्रबंधन के लिए क्या पुख्ता इंतजाम थे? क्या सुरक्षा व्यवस्था में चूक हुई? प्रशासन के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं था।

 

हादसे से बचने के लिए क्या किया जाना चाहिए था?
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस तरह की भगदड़ को रोकने के लिए भीड़ नियंत्रण के सख्त नियम लागू करने चाहिए थे। पुलिस और प्रशासन को बड़े आयोजनों में भीड़ की सीमा तय करनी चाहिए ताकि इस तरह की अनहोनी से बचा जा सके।

 

आगे की कार्रवाई क्या होगी?
हादसे के बाद प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। घटना की वजह जानने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इस जांच से कुछ बदलेगा, या फिर हर बार की तरह यह भी एक औपचारिकता बनकर रह जाएगी?


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