नौकरी की तलाश: झारखंड में साढ़े तीन लाख युवाओं को नौकरी की तलाश, नौकरी के मुद्दे पर बाबूलाल मरांडी ने साधा हेमंत सरकार पर निशाना
Job search: Three and a half lakh youth in Jharkhand are looking for jobs, Babulal Marandi targeted Hemant government on the issue of jobs

रांची। झारखंड में बेरोजगारी के आंकड़े चिंता बढ़ा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के आंकड़े जारी कर हेमंत सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सरकार ने तत्काल रोजगार को लेकर गंभीर प्रयास और नौकरी उपलब्ध कराने की मांग की है।
बाबूलाल मरांडी के मुताबिक झारखंड में बेरोजगारी की स्थिति दिनों-दिन गंभीर होती जा रही है। श्रम विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य में तीन लाख 44 हजार 823 लोग नौकरी की तलाश में हैं। नौकरी की तलाश करे युवाओं में जिनमें दो लाख 45 हजार 420 पुरुष और 99,382 महिलाएं शामिल हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने आंकड़ों को चिंता जताते हुए कहा है कि ये आंकड़े राज्य में रोजगार संकट की गंभीरता को दर्शाते हैं, लेकिन सरकार की ओर से इसे दूर करने के लिए कोई ठोस और प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। बेरोजगार युवा राज्य से बाहर पलायन करने के लिए मजबूर हैं या फिर निराशा में घिरकर अस्थायी और कम वेतन वाली नौकरियों को अपनाने के लिए विवश हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लाखों युवा उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन उनके लिए भी उपयुक्त नौकरियों का अभाव बना हुआ है। सरकारी भर्तियां या तो स्थगित हो जाती हैं या फिर पारदर्शिता की कमी के कारण विवादों में घिर जाती हैं।
बाबूलाल मरांडी के मुताबिक बढ़ते अपराध और निजी क्षेत्र में उद्योगों की सीमित संख्या के कारण रोजगार के अवसर बेहद कम सृजित हो रहे हैं। नियोजन कार्यालय सिर्फ बेरोजगारों के पंजीकरण तक ही सीमित रह गए हैं और नौकरी दिलाने की उनकी भूमिका लगभग शून्य हो गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार की बेरोजगारी के प्रति उदासीनता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। हेमंत सोरेन पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से रोजगार सृजन और नौकरी उपलब्ध कराने के प्रयास करें, ताकि हमारे युवा झारखंड के विकास में योगदान देने के साथ-साथ सम्मानजनक जीवनयापन कर सकें।