तबाही का लाइव मंजर: चंद मिनटों में सब बह गया… होटल, इमारतें, पुल और हाईवे तक गायब!

वीडियो में देखें ब्यास की रफ्तार ने कैसे निगल लिया सब कुछ!

हिमाचल प्रदेश, 26 अगस्त: कुल्लू-मनाली का स्वर्ग अब तबाही के मंजर में बदल चुका है। लगातार हो रही मूसलधार बारिश और ब्यास नदी के उफान ने जनजीवन को पूरी तरह से बर्बादी की कगार पर ला खड़ा किया है। हाईवे, इमारतें, होटल—सब कुछ पानी की गर्जना में समा गया।

ब्यास नदी ने बदला रुख, खतरे में होटल और घर:
सबसे ज्यादा तबाही कुल्लू और मनाली के बीच देखने को मिली, जहां नेशनल हाईवे-3 (NH-3) का करीब 3 किलोमीटर लंबा हिस्सा पूरी तरह बह चुका है। ब्यास नदी ने अपने रास्ते से मुड़कर एनएच-3 की ओर रुख कर लिया, जिससे सड़क किनारे बना एक निजी होटल गिरने की कगार पर है।

दो मंजिला इमारतें भी नहीं बचीं:
मनाली के बाहंग क्षेत्र में बहाव इतना तेज रहा कि एक दो-मंजिला इमारत पलक झपकते ही नदी में समा गई। इसके अलावा लगातार हो रहे भूस्खलन ने कुल्लू शहर के दो रेस्टोरेंट और दो दुकानों को भी जमींदोज कर दिया है।

फुट ब्रिज बहा, बिजली उत्पादन बंद:
दवाड़ा के पास बना फुट ब्रिज नदी की तेज धार में बह गया, जो लारजी पावर हाउस को जोड़ता था। इतना ही नहीं, नदी में सिल्ट बढ़ने के कारण बग्गी टनल की सप्लाई भी रोक दी गई है, जिससे बिजली उत्पादन ठप हो चुका है।

पंडोह डैम के खोले गए सारे गेट:
ब्यास के उफान को देखते हुए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने पंडोह डैम के सभी 5 गेट खोल दिए हैं, जिससे करीब 90,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और यह लारजी पावर हाउस के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है।

प्रशासन का अलर्ट:
डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने चेतावनी दी है कि 27 अगस्त सुबह तक पंडोह डैम से फ्लशिंग जारी रहेगी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी सूरत में नदी और नालों के किनारे न जाएं।

स्थिति भयावह है। सड़कें टूट चुकी हैं, बाजार जलमग्न हैं और कई इलाके अभी भी खतरे में हैं। प्रशासन पूरी मुस्तैदी से हालात पर नजर बनाए हुए है, लेकिन प्रकृति का रौद्र रूप थमने का नाम नहीं ले रहा।

 नीचे दिए गए वीडियो में देखें तबाही की वो झलक, जिसे देखकर रूह कांप उठेगी…

 

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